चंडीगढ़। सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह के 21 सिख नौजवानों के कत्ल के संबंधित बयान पर पंजाब में सियासत गर्माती ही जा रही है। शिअद नेता सरदार विरसा सिंह ने कैप्टन को इस मामले में गवाही देने को कहा है। उनका कहना है कि यह अच्छी बात है कि अमरेंद्र ने 1990 के दौरान 21 सिख नौजवानों का प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के आगे आत्मसमर्पण कराकर उनको मौत के मुंह में धकेलने वाली बात का पछतावा किया है। उन्होंने कहा की इस तरह उन्होंने अपनी आत्मा से बोझ उतार दिया। उन्होंने कहा कि अफसोस तो इस बात का है कि सिर्फ पछतावा करके उन्होंने इस समले से पल्ला झाड़ दिया है।
सरदार ने कहा कि 2002-07 के दौरान पंजाब पंजाब का सीएम रहने के बाद भी इस केस को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि कहा कि अमरेंद्र को उन 21 सिख नौजवानों को खत्म करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने का हुक्म देना चाहिए क्योंकि अमरेंद्र उन सभी पुलिस अधिकारियों को जानते हैं।
आपको बता दें कि कैप्टन ने अपनी किताब में इस बात का जिक्र करते हुए कहा है कि तत्कालीन पीएम चंद्रशेखर के सामने 21 नौजवानों को मौत के घाट उतार दिया था, वह खुद को उनकी मौत का जिम्मेदार मानते है।
कि अभ भी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है।