रायपुर। वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट भाषण सीएम भूपेश बघेल बतौर वित्त मंत्री विधानसभा में पेश किया। उन्होंने बजट में ऐलान करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत होगी। राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले इस योजना का जिक्र किया था।
– राज्य में 9 पॉलिटेक्निक कॉलेजों का उन्नयन किया जएगा इसके साथ ही तखतपुर में नया डेयरी पॉलिटेक्निक खोला जाएगा। कुपोषण को खत्म करने के लिए 60 करोड़ रुपये और राम वन पथ गमन मार्ग विकास के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है: भूपेश बघेल
-युवा महोत्सव के आयोजन के लिए 5 करोड़ का प्रावधान, जैविक खेती विकार योजना के लिए 20 करोड़ रुपए का प्रावधान: भूपेश बघेल
– 16 हजार शिक्षाकर्मियों का संविलियन 1 जुलाई 2020 को किया जाएगा। सरकार मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की शुरुआत करेगी: भूपेश बघेल
– आंगनबाड़ी केंद्रों में 25 करोड़, महतारी जतन योजना में 31 करोड़ का प्रावधान किया गया है: भूपेश बघेल- स्वास्थ्य योजना में 5 योजनाओं को शुरू किया गया। डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना में 5 लाख तक का लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना में प्रति व्यक्ति 20 लाख तक का प्रावधान है: भूपेश बघेल
– बेमेतरा और तखतपुर में डेरी डिप्लोमा कॉलेज की स्थापना की जाएगी। राजपुर धमदा में फिशरीज कॉलेज की स्थापना की जाएगी: भूपेश बघेल
– छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत होगी। इसके लिए 5100 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है: भूपेश बघेल
– छत्तीसगढ़ का बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमने 17 लाख किसानों का कर्ज माफ किया है।
– प्रदेश में गरीबी के स्तर में कमी आई है। प्रदेश की जीडीपी में सात फीसदी से अधिक की बढ़ोत्तरी होने का अनुमान है: भूपेश बघेल
– राशन कार्ड देने के लिए 3410 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। कोंडागांव में पायलट प्रोजेक्ट के लिए पांच करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है: भूपेश बघेल
– मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सवेरे अपने निवास से विधानसभा के लिए रवाना हुए। मुख्यमंत्री आज विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2020- 21 का बजट प्रस्तुत करेंगे। विधानसभा में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में उनके अलावा नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे सहित समिति के सदस्यगण उपस्थित थे।
वहीं, 37 फीसद से अधिक बच्चे कुपोषित और 41 फीसद से अधिक महिलाएं एनीमिया पीड़ित हैं। हालांकि, सरकार ने इसके लिए योजनाएं शुरू की हैं। बजट का बड़ा हिस्सा सरकार को इन सेक्टरों को देना पड़ेगा।
राज्य पर कुल ऋण देयता जीएसडीपी का 21.68 प्रतिशत और ब्याज भुगतान राजस्व प्राप्तियों का 5.9 प्रतिशत है, जो सभी राज्यों से न्यूनतम है। इसी प्रकार कुल बजट में से कमिटेड व्यय मात्र 19.3 प्रतिशत है, जो कि सभी राज्यों से न्यूनतम है।