नई दिल्ली। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से भी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सतर्क रहने और संयम बरतने का अनुरोध किया है। अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी को खांसी, जुकाम, बुखार आदि इस प्रकार की कोई तकलीफ है तो इसके लिए डॉक्टर से संपर्क करें। उन्होंने कहा कि देश इस वक्त कोरोना महामारी से गुजर रहा है।
प्रधानमंत्री जी स्वयं एक सप्ताह में दो बार राष्ट्र को संबोधित कर चुके हैं। पूरी दुनिया इस वक्त इस महामारी से ग्रस्त है। भारत में अभी इस की शुरुआत हुई है लेकिन भारत जैसे देश में यह समस्या कितनी गंभीर हो सकती है आप इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि अमेरिका और इटली जैसे देश तमाम तरह की स्वास्थ्य सुविधाओं के होते हुए भी आज किस हालात में हैं। हमारे पास केवल और केवल यही एक समाधान है कि हम सामाजिक दूरी बनाकर रखें। हमको दूरी बनाकर रखनी है।
मंदिरों मस्जिदों गुरुद्वारों गिरिजाघरों में सामूहिक पूजा अर्चना को प्रतिबंधित किया गया है। वहां पर केवल पुजारी, मौलवी एवं पादरी ही पूजा पाठ कर सकते है। मेरा आपसे अनुरोध है कि हम सोशल डिस्टेंस बनाकर रखें। इसका स्वयं भी पालन करें और औरों को भी इसका पालन करने हेतु जागरूक करें। उन्होंने अनुरोध किया कि सोशल डिस्टेंस का पालन करें। यदि कोई बाहर से आया है तो हम उससे सामाजिक दूरी बनाते हुए उसकी सूचना शासन को दें।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं पुलिस विभाग के लोग रात दिन अपने जीवन को खतरे में डालते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। हमें उनके भी चिंता करनी है। उन्होंने पार्टी के पदाधिकारियों से कहा कि हमारे पास 11000 से अधिक बूथ हैं। बूथ अध्यक्ष एवं सभी कार्यकर्ता मोहल्ले में घूम घूम कर यह देखें कि कोई गरीब भूखा ना सोए। यह हमारी सबसे बड़ी चिंता है। प्रशासन के साथ तालमेल करके उनके घर राशन पहुंचाने का कार्य में किया जाए। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का बहुत बड़ा तंत्र है, ऐसी तमाम सामाजिक संस्थाएं इस कार्य में सहयोग करके प्रशासन की सहायता करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
वहीं आज उद्योग जगत के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह से भेंट कर कोरोना से निपटने में सरकार का पूरा सहयोग करने की बात कही। उन्होंने आवश्यक वस्तुओं की इकाइयों से जुड़े वाहनों के निर्बाध आवागमन का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले ही निर्देशित किया जा चुका है कि आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं से जुड़े लोगों को न रोका जाए। उद्योग जगत भी यह सुनिश्चित करे कि ट्रकों में केवल ड्राइवर और एक सहायक ही हो। अन्य कोई इनमें न बैठे।
31 मार्च को समाप्त हो रही प्रदूषण संबंधी मंजूरी को तीन माह के लिए बढाए जाने पर भी मुख्यमंत्री ने सहमति व्यक्त की। प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों के मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए किस प्रकार रोका जाए, इस पर भी विचार विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध मे उद्योग जगत से सुझाव का स्वागत है। इस अवसर पर अनिल गोयल, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।