देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को देहरादून नगर निगम के कार्यलय में अखिल गढ़वाल सभा के 68वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अखिल गढ़वाल सभा को उनके 68वें स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार की संस्थाओं के आने वाले समय के लिए कुछ लक्ष्य होते हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ की गढ़वाल सभा ने भी अपने 70 वर्ष पूरे कर लिए हैं, जोकि गढ़वाल के लिए पहली रजिस्टर्ड सभा है। सीएम ने उत्तराखंड के लोगों की काम के प्रति संक्लपता की तारीफ करते हुए कहा कि यहां के लोग बहुत ही जागरूक होते हैं और देशभर में उन्हें काफी पसंद किया जाता है। सीएम ने कहा कि हम उत्तराखंडवासियो कि विश्वसनीयता ही हमारी पहचान है।
उन्होंने कहा कि देशभर के लोगों में उत्तराखंडवासियों के लिए ये धारण है कि पहाड़ के लोग काफी महनती, ईमानदार और देश के प्रति मर मिटने वाले होते हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में देश की सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण पदों पर उत्तराखंड के लोग विराजमान हैं, यहां उनका ईशारा देश के सुरक्षा सलाकार अजीत डोभाल को लेकर था। सीएम ने आह्वान करते हुए कहा कि हमे उत्तराखंड की पहचान को बरकरार रखना होगा, जिसे और भी अधिक मजबूत बनाने की जरूरत है। बॉलीवुड़ की उत्तराखंड की वादियों में बढ़ती दिलचस्पी को लेकर सीएम ने कहा कि टिहरी में शूटिंग के लिए बहुत अच्छी सम्भावनाएं हैं। सीएम ने मुंबई में बनाए जा रहे उत्तराखंड भवन की कक्षाओं को तिमारदारों के लिए आरक्षित करने की वकालत की।
इस अवसर पर राज्य मंत्री डॉ.धनसिंह रावत, मेयर और विधायक विनोद चमोली, अध्यक्ष अखिल गढ़वाल सभा रोशन धस्माना, महासचिव रमेन्द्र कोटनाला और सीएम के सलाहकार नवीन बलूनी,शिवानन्द चमोली, श्रीप्रसाद गैराला, टी.एस. असवाल भी मौजूद रहे। वहीं सभा को संबोधित करने के बाद सीएम ने प्रेस वार्ता कर नीति आयोग की रिपोर्ट के सम्बंध में कहा कि पिछले दिनों हेस्थ सेक्टर में जिस तरह से नए आयमों तो छुआ गया है,ये उसी का नतीजा है कि रिपोर्ट में राज्य को सम्मानजनक स्थान मिला है। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने सीएम चार्ज सम्भाला था, तब राज्य में लगभग 1100 डॉक्टर थे, हमने प्रत्येक जिले में डॉक्टरों को भेजा ,जिसके चलते राज्य में आज 1900 से ज्यादा डॉक्टर हैं।
सीएम ने कहा कि आने वाले 2 महिनों में हम राज्य के प्रत्येक अस्पताल में चिकित्सक उपलब्ध करा देंगे और ऐसा कोई अस्पताल नहीं होगा जहाँ डॉक्टर न हों। इसके साथ ही हमने अटैचमेंट व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि मैं अपने पिछले टिहरी दौरे में अस्पताल में जो ओपीडी की संख्या 140 से 160 थी, उन्हें बढ़कर 560 से 625 कर दिया है। इसका मतलब इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार आया है। डॉक्टरों की उपलब्धता से संस्थागत प्रसवों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है और आने वाले समय में नीति आयोग की रिपोर्ट में राज्य को पॉजीटिव आकड़ा देखने को मिलेंगी।