नई दिल्ली। जैसा कि सभी जानते हैं कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन को दो महीने से ज्यादा हो चुके हैं। हालात दिनों दिन बिगड़ते ही जा रहे हैं। किसानों का प्रदर्शन आए दिन उग्र देखने को मिल रहा है। जिसके चलते सरकार और प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी है। इसके साथ ही किसान नेताओं द्वारा आए दिन बैठकें की जा रही हैं। इसी बीच आज पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दो फरवरी को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने यह बैठक एकजुटता प्रदर्शित करने और तीन विवादास्पद केंद्रीय कृषि कानूनों के संबंध में आगे के रास्ते पर आम सहमति कायम करने के लिए बुलायी है। जिसमें किसान आंदोलन को लेकर बातचीत की जाएगी। इस बैठक में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को बुलाया गया है।
सीएम ने राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई-
बता दें कि किसान आंदोलन दिनों दिन उग्र होता जा रहा है। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार इन कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती है, जब तक हम यहीं डटे रहेंगे। इसके साथ ही किसान आंदोलन की वजह से सरकार भी परेशान है। क्योंकि गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद पूरे देश में किसान आंदोलन को लेकर अलग माहौल पैदा हो गया था। जिसके बाद सरकार ने किसान आंदोलन खत्म करने की बात कहीं थी। इसके साथ ही आज पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दो फरवरी यानि आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें सभी राजनीतिक दलों के नेता शामिल होंगे। इसके साथ मिली जानकारी के अनुसार यह बैठक पंजाब भवन में 11 बजे शुरू हो गई है। रविार को संवादाताओं ने बात करते हुए सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने मंगलवार यानि आज के सभी पार्टियों की बैठक का आह्वान किया है। इस मीटिंग में किसान आंदोलन की वजह से बने ताजा हालात पर चर्चा की जाएगी।
किसान आंदोलन में हाल के घटनाक्रम को लेकर की जाएगी चर्चा-
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि दो महीने से अधिक समय बीत चुका है। अब भी हमारे किसान दिल्ली की सीमा पर मर रहे हैं। उन्हें पुलिस पीट रही है और गुंडे उन पर हमला कर रहे हैं। साथ ही उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित कर परेशान किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों की वजह से पैदा हुए संकट पूरे राज्य एवं उसके लोगों के लिए चिंता का विषय है। सरकारी बयान के अनुसार इस बैठक में दिल्ली में किसान आंदोलन में हाल के घटनाक्रम, खासकर गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा और सिंघु बॉर्डर पर कृषकों पर हमले को लेकर चर्चा की जाएगी।