नई दिल्ली : देश के अगले मुख्य न्यायाधीश के तौर पर न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। मौजूदा मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा, ‘हमारा मानना है कि इस मामले में इस समय हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह याचिका विचार योग्य नहीं है।
दायर की गई थी याचिका
वकील आरपी लुथरा और सत्यवीर शर्मा ने देश के अगले मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस रंजन गोगोई की नियुक्ति को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने अपनी याचिका में शीर्ष अदालत के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर (अब सेवानिवृत्त), न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ की 12 जनवरी की प्रेस कांफ्रेंस को अपना आधार बनाया था।
सीजेआई के तौर पर हो चुकी है जस्टिस रंजन गोगोई की नियुक्ति
सुप्रीम कोर्ट के 46वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के तौर पर जस्टिस रंजन गोगोई की नियुक्ति हो चुकी है। वह वर्तमान मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की सेवानिवृत्ति के अगले दिन 3 अक्टूबर को शपथ ग्रहण करेंगे। इसके साथ ही वह पूर्वोत्तर भारत से इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले जज बन जाएंगे। बतौर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई का कार्यकाल नवंबर 2019 तक रहेगा।
कई अहम फैसलों पर सुना चुके हैं फैसला
गौरतलब है कि जस्टिस गोगोई चुनाव सुधार से लेकर आरक्षण सुधार तक के कई अहम फैसलों में शामिल रहे हैं। जिसमें असम में घुसपैठियों की पहचान के लिए राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) बनाने का निर्णय, लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा व विधान परिषद चुनावों के उम्मीदवारों को संपत्ति, शिक्षा व चल रहे मुकदमों का ब्योरा देने के आदेश आदि शामिल हैं।