ऩई दिल्ली। आज हम राजस्थान से आपके लिए लेकर आए हैं एक ऐसे शख्स की कहानी जिसकी मेहनत जिसकी काबिलियत और लगन ने साबित कर दिया कि अगर ठान लो कुछ कर गुजरने की तो राह में चाहे लाखों काटें आए आपकी राह को वो रोक नहीं सकता। जी हां एक ऐसा लड़का जो अपनी शिक्षा प्राप्त करने के लिए हर रोज 4 किलोमीटर पैदल चल कर जाता हैं। लेकिन आज उसने एक ऐसी मिशाल पेश की हैं। जो लोगों के लिए एक प्रेरणा बना हैं।
अपनी प्रारंभिक शिक्षा के लिए गांव से 4 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाने वाले बाड़मेर जिले के चूनाराम जाट का चयन भारतीय अंतरीक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो )में हुआ है ।
पाकिस्तान सीमा से सटे राजस्थान में बाड़मेर जिले के बायतु निवासी चुनाराम जाट ने आॅल इंडिया स्तर पर 12वीं रैंक हासिल की है । ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े चूनाराम जाट को 8वीं कक्षा तक की पढ़ाई के लिए अपने घर से 4 किलोमीटर दूर पैदल चलकर जाना होता था। इसके बाद उन्होंने 9वीं कक्षा में बाड़मेर जिले के ही नवोदय विघालय में 12वीं कक्षा तक अध्ययन किया। विघालय के गोल्ड मेडलिस्ट बने ।
वर्ष 2012 में चूनाराम जाट का चयन एनआईआईटी सूरत में हो गया,वहां चार साल का कोर्स करते हुए के लिए तैयारी जारी रखी और हाल ही में उनका इसरो में चयन हो गया । चूनाराम के पिता भोलाराम ने बताया कि चूनाराम ने चिमनी की रोशनी में बैठकर पढ़ाई की,घर भी कच्चा था । स्कूल के लिए वह तपती रेत में नंगे पांव स्कूल जाते थे । दरअसल,बाड़मेर और जैसलमेर जिलों में गर्मी के दिनों में तापमान 50 डिग्री से ऊपर पहुंच जाता है और यहां की रेत में चलना काफी मुश्किल होता है ।
भोलाराम का कहना है कि परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण बड़ा बेटे किशन कुमार पढ़ाई नहीं कर पाया,वह बचपन से ही एक फैक्ट्री में मजदूरी करने लग गया था । लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद चूनाराम ने पढ़ने का निश्चय किया और अब यह मुकाम हासिल किया । उन्होंने बताया कि चूनाराम बचपन से ही वैज्ञानिक बनने का निश्चय । जानकारी के अनुसार इसरो केन्द्रीय रिक्रूटमेंट बोर्ड-2017 की ओर से वैज्ञानिकों के 35पदों के लिए परीक्षा आयोजित की,इसमें चूनाराम की देशभर में 12वीं रैंक आई । परीक्षा में प्रथम स्थान पर सुन्दर शर्मा रहे ।
अक्सर ऐसे लोग लोगों के लिए एक प्रेरणा साबित करते हैं जरूरत हैं हमें ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करने की।जो अपने माता पिता और परिवार का नाम रोशन करते हैं।