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भारतीय बाजार में चाइनीज वस्तुओं के मांग में आई 20 प्रतिशत की कमी

China lights भारतीय बाजार में चाइनीज वस्तुओं के मांग में आई 20 प्रतिशत की कमी

नई दिल्ली। देश में चाइनीज आइटमों के बहिष्कार की आवाज तेज हुई और लोगों में इसका असर देख जाने लगा। सोशल मीडिया के साथ साथ अन्य माध्यमों से भी लागों ने चाइनीज सामानों के बहिष्कार की पहल की जिसका नतीजा यह रहा कि देश मे जहां हर बार दीपावली के समय चाइनीज लाइटों और सामानों की मांग तेजी से बढ़ जाती थी वहीं इस बार इसका बिल्कुल उल्टा हो रहा है। आपको बता दें कि हाल ही में आए एक रिपोर्ट के अनुसार दीपावली नजदीक आने के समय में भी पिछले 15 दिनों में चाइनीज आइटमों की मांग करीब 20 फीसदी घटी है।

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आपको बता दें कि देश में चाइनीज वस्तुआंे के बहिष्कार को लेकर अभियान तेज पहले से ही तेज था, और इस हवा जब मिली जब भारत पाके के बीच बढ़ रह गतिरोध के बीच चीन ने पाकिस्तान को अपाना समर्थन देना तेज कर दिया जिसके फलस्वरुप भरतीय बाजार में चीन के सामनो के खिलाफत की मुहिम तेज हो गई है। कारोबारियों के प्रमुख संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने यह दावा किया है कि इस बार चाइना के सामान देश में त्याहारी सीजन होने के बावजूद भी उस तरह से मांग में नही है जैसे कि पिछले सालों मे रही है।

प्रधानमंत्री ने किया था बहिष्कार का आह्वान- आपको बता दें कि भारतके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चाइनीज सामानों के बहिष्कार के लिए लोगों से आग्रह किया था। प्रधनमंत्री ने भी इस बार लोगों से अपील की थी कि इस दीपावली में सिर्फ भारत में बने वस्तुओं और दीपकों का प्रयाग करें।

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सोशल मीडिया पर भी लोगों ने खूब प्रचार और प्रसार किया जिसका परिणाम यह रहा कि लोगों में इस बार चाइनीज लाइटों की मांग में कती आई है। आपको यहां बता दंे कि बायकॉट की अपील के बाद दिल्ली में काराबारियों ने चीनी सामान के 150 करोड़ रुपए के ज्यादा के ऑर्डर रद्द किए है। गौर करने वाली बात यह भी है कि भारत और चीन के बीच 4.5 लाख करोण से भी ज्यादा का भी कारोबार होता है और इस बार ऐसे भी अनुमान लगाए जा रहे हैं कि इससे भारत और चीन के व्यापार संबंधों पर भी असर पड़ सकता है।

कारोबारियों के लिए बनी मुसीबत- चाइनीज सामानों की घट रही मांग कारोबारियों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है, जहां पिछले वर्षाें मंे दीपावली के समय मंे कारोबारी काफी मुनाफा कमाते थे ऐसा दिख रहा है कि इस बार उनका बिजनेस ठप्प पड़ सकता है। कैट के सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि पिछले वर्षों में जहां चाइनीज लाइटें लोगों की पहली पसंद हुआ करती थीं पर इस बार जिस तरह से देश में इनका बहिष्कार किया जा रहा है उससे ऐसा लग रहा है कि कारोबारियों को अपना लागत निकालना भी मुश्किल पड़ सकता है।

कारोबारियों का मानना है कि जिस तरह से पिछले 15 दिनों में मांग घटी है अगर ऐसा ही रहा तो यह बाजार की दृष्टि से कारोबारियों को नुकसान में डल सकता है। आपको बता दें कि जानकारों का मानना है कि चीन से आयात होने वाले सामनों में इस बार करीब 20 से 30फीसदी तक की कमी आ सकती है।

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