नई दिल्ली। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में तय की गई नई नीति से ये अनुमान लगाया जा रहा है कि इस नई नीति से भारत और चीन के बीच में बेहतर रिश्ते कायम रहने की उम्मीद जताई जा रही है। इस नई नीति से क्षेत्र में शांति और स्थायित्व में भी योगदान मिल सकता है। बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग को एक बार फिर कार्यकाल मिलने को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ये टिप्पणी की है।
दरअसल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत करते हुए अपने देश की सेना को युद्ध की तैयारी तेज करने को कहा है। कम्यूनिस्ट पार्टी के कांग्रेस के दौरान उन्होंने अपनी सेना से कहा कि युद्ध में जीत कैसे हासिल की जा सकती है इस बात पर फोक्स करे। वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने शी जिंनपिंग को दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने को लेकर शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि हमे उम्मीद है कि कांग्रेस द्वारा तय की गई नीति और निर्देशों से दोनों देशों के द्विपक्षिय रिश्ते को मजबूती मिलेगी।
वन बेल्ट वन रोड में भारत के शामिल होने वाले सवाल पर रवीश ने कहा कि ओबोर पर भारत की स्थिति सर्वविदित है। चीन की ओबोर परियोजना में ही चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा शमिल है। उन्होंने कहा कि भारत को इस गलियारे से आपत्ति है, कयोंकि ये विवादित क्षेत्र से होकर गुजर रहा है। इसके चलते भारत ने मई महीने में चीन में बुलाए गए बेल्ट एंड रोड फोरम का बहिष्कार किया था।