नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा पर स्थित डोकलाम में सड़क बनाने को लेकर दोनों देशों के बीच में तीन महीनें तक जारी विवाद तो कुटनीतिक तरिके से खत्म हो गया है। भारत ने इस विवाद के खत्म होने के बाद सेना को सीमा से पीछे हटा लिया है, लेकिन चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। विवाद खत्म होने के बाद भी चीन ने सड़क निर्माण का मन तो अपने दिमाग से निकाल दिया है,लेकिन सीमा पर खड़ी अपनी सेना को पीछे हटाने के लिए चीन तैयाार नहीं है।
गौरतलब है कि बीते दिनों चीन की ओर से कुछ ऐसे संकेत दिए गए हैं, जिससे लगता है कि वो अभी भी विवाद को खत्म करने के लिए तैयार नहीं है। चीन ने 3 अक्टूबर को तीसरी ट्रैवल एडवाइजरी जारी की और अपने नागरिकों को भारत में सुरक्षा को लेकर सतर्क किया था। चीन ने अपने नागरिकों को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की यात्रा बिना परमिट या फोटोग्राफिक बॉर्डर सुविधा के करने पर चेतावनी दी थी।
एत तरफ चीन भारत के साथ तनातनी बनाए रखना चाहता है तो वहीं भारत चीन के साथ दोस्ती चाहता है। दरअसल हाल ही में रक्षा मंत्री निर्माला सीतारमण नाथुला बॉर्डर पर गई थी। इस दौरान उन्होंने चीनी सैनिकों से बाते की और नमस्ते का मतलब समझाया, जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी। इस वीडियों के वायरल होने के बाद चीन ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि नाथुला सेक्टर 1890 में हुए एतिहासिक संधि का गवाह रहा है। चीन ने कहा था कि यहीं वजह है कि वो डोकलाम में सड़क बनाने को सही ठहराता है।