नई दिल्ली। विश्व के लिए चिंता का सबब बने आतंकवाद को खत्म करने के लिए पूरा विश्व जी जान से ताकत लगाए हुए है, उरी में हुए आतंकी हमले के सरगना जैश ए मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की पहल तेज हो गई है, हालांकि इसमे चीन रास्ते का रोड़ा साबित हो सकता है, आपको बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र से आतंकवादी घोषित कराने की भारत की कोशिशों में चीन द्वारा लगाए गए तकनीकी अड़ंगे की छह महीने की वैधता जल्द खत्म हो जाएगी और यदि बीजिंग भारत की कोशिश में फिर से अड़ंगा नहीं लगाता है तो पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड को प्रतिबंधित किया जा सकेगा।
गौरतलब है कि इसी साल भारत ने आतंकी मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के अंतर्गत प्रतिबंध लगवाने की कोशिश की थी, जिसे परिषद के वीटो अधिकार प्राप्त स्थाई सदस्य चीन ने बाधित कर दिया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिष में 15 देश शामिल हैं आपको बता दें कि इन देशों में चीन एकमात्र ऐसा देश है भारत के इस आवेदन को मंजूर नहीं किया था जबकि सभी 14 अन्य सदस्यों ने अजहर का नाम 1267 प्रतिबंध सूची में डालने के लिए भारत के प्रयास का समर्थन किया था।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 14 अन्य सदस्य पहले ही भारत के प्रयास का समर्थन कर चुके हैं और तकनीकी अड़ंगे की अवधि खत्म होने तथा चीन की तरफ से दोबारा कोई आपत्ति नहीं किए जाने का आवश्यक रूप से यह मतलब होगा कि अजहर का नाम प्रतिबंध सूची में डालने की मांग का कोई विरोध नहीं है।
सूत्र बताते है कि आतंकवाद के खिलाफ मौजूदा वैश्विक माहौल में चीन मसूद को आतंकी घोषित कराने वाले प्रस्ताव का फिर से अकेले विरोध करने की स्थिति में नहीं है। जैश पर संयुक्त राष्ट्र 2001 में ही प्रतिबंध लगा चुका है।