नई दिल्ली। ‘इंडिया फाउंडेशन’ के शोधार्थियों को वीजा न दिये जाने के मामले का चीन का खंडन सामने आया है। चीन के दूतावास ने शनिवार को इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि फाउंडेशन के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को शंघाई में फुदान यूनिवर्सिटी के दौरे के लिए वीजा दिया गया है। भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता शी लियान ने कहा कि इंडिया फाउंडेशन के सभी सातों सदस्यों को चीन जाने के लिए समय पर वीजा दिया गया।
बता दें कि लियान ने कहना है जहां तक मुझे पता है। इंडिया फाउंडेशन के सभी सातों सदस्यों को चीन जाने के लिए समय पर वीजा दिए गए। किसी भी वीजा आवेदन को खारिज नहीं किया गया। इंडिया फाउंडेशन का प्रतिनिधिमंडल समय पर चीन जाएगा। चीनी पक्ष चीन-भारत के बीच थिंक टैंक के आदान-प्रदान का हमेशा स्वागत और समर्थन करता है। यह सच नहीं है कि इंडिया फाउंडेशन के दो जूनियर शोधकर्ताओं को वीजा नहीं दिया गया, जिस वजह से प्रतिनिधिमंडल ने अपना चीन दौरा रद्द कर दिया।
वहीं इसके पहले चर्चा थी कि चीन ने इंडिया फाउंडेशन के निदेशक आलोक बंसल को भी वीजा के लिए इंतजार करने को कहा और दो अन्य शोधकर्ताओं को वीजा नहीं दिया, जिसके बाद फाउंडेशन को शुक्रवार को दौरा रद्द करना पड़ा। शुक्रवार को भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा था कि चीन ने उन्हें वीजा देने से मना कर दिया। हालांकि उन्होंने इसकी पुष्टि की कि उनके दो शोधकर्ताओं के वीजा आवेदन खारिज कर दिए गए। राम माधव इंडिया फाउंडेशन के निदेशक मंडल में शामिल हैं।