चीन पहला सैन्य समुद्री अड्डा जिबूती में स्थापित करने जा रहा है। चीनी सैन्य दल इस उद्देश्य के लिए जिबूती के लिए रवाना हो चुका है। यह जानकारी बुधवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली है। उल्लेखनीय है कि चीन अफ्रीका में अपना निवेश बढ़ाने के साथ-साथ अपने सैन्य बल को आधुनिक भी बनाया है। जिबूती में सैन्य अड्डे का निर्माण दोनों देशों के बीच मित्रवत सहयोग की परिणति है।
जानकारी के अनुसार इस सैन्य अड्डे का उद्देश्य अफ्रीका और पश्चिम एशिया में शांति स्थापना और मानवीय सहायता पहुंचाना है। यह सैन्य अड्डा, सैन्य सहयोग, नौसैनिक अभ्यास और बचाव मिशन के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार जानकारी है कि जिबूती के लिए रवाना हुए सैनिकों या जहाजों की संख्या स्पष्ट नहीं है। साथ ही यह भी जानकारी नहीं मिली है कि सैन्य ऑपरेशन कब शुरू होगा। वही अब सेना जिबूती में अपना पहला विदेशी सैन्य ठिकाना शुरू करने के लिए तैयार है। इससे पहले अमेरिका, जापान और फ्रांस भी भी जिबूती में अपना सैनिक अड्डा बना चुके हैं।
आपको बता दें कि जिबूती की लोकेशन उसे मिलिट्री बेस बनाने के लिए काफी उपयुक्त समझी जाती है। चीन का कहना है कि वह अपने मिलिट्री बेस के जरिए अफ्रीका और दक्षिण एशिया में मानवता कायम करने के लिए मदद करेगा। वही साल 2015 में अफ्रीकी राष्ट्रों के साथ हुए शिखर सम्मेलन में चीन ने अफ्रीका के विकास के लिए 60 बिलियन डॉलर निवेश करने का वादा किया गया था।