चीन ने मंगलवार को दक्षिण चीन के हैनान प्रांत में वेनचांग स्पेसक्राफ्ट लॉन्च साइट से चांग’-5 चंद्र जांच को सफलतापूर्वक लॉन्च किया. ये चीन का पहला नमूना वापसी मिशन है, और अब तक देश के सबसे जटिल और कठिन अंतरिक्ष कार्यों में से एक रहा है.
दशकों से भूवैज्ञानिकों ने चंद्रमा के रहस्यों को जानने के लिए चंद्रमा की चट्टान के छोटे टुकड़ों का अध्ययन किया है. चट्टानों से पता चला है कि चंद्रमा कितना पुराना है. वैज्ञानिकों ने अन्य ग्रहों की उम्र का अनुमान लगाने में मदद की और हमारे सौर ग्रह एक समय कितने अशांत थे, इस बात की जानकारी दी. लेकिन किसी ने भी 40 से अधिक वर्षों तक चांद की चट्टानों को इकट्ठा नहीं किया है.
सोमवार दोपहर 3:31 बजे चीन ने चंद्रमा की ओर एक अंतरिक्ष यान लॉन्च किया. चीन के इतिहास में पहली बार नमूने एकत्र करने के लिए चांग’-5 (Chang’e-5) नामक मिशन का उद्देश्य चंद्रमां की सतह पर एक रोबोट को उतारना है. यह अंतरिक्ष यान फिर नमूनों के साथ पृथ्वी पर लौटेगा. चंद्रमा पर अध्ययन करने का चीन का यह छठा मिशन है.
यदि सभी योजना के अनुसार जाते हैं, तो बोल्ड और जटिल चांग’5 5 दिसंबर के मध्य में पृथ्वी पर वापस चंद्रमा के नमूनों को ढोलेगा – ऐसा कुछ जो 1976 में सोवियत संघ के लूना 24 मिशन के बाद से नहीं किया गया था.
Chang’e 5 का छोटा मिशन एक्शन से भरपूर होगा. 18,100-एलबी (8,200 किलोग्राम) अंतरिक्ष यान संभवतः 28 नवंबर को चंद्र की कक्षा में पहुंच जाएगा, फिर इसके चार मॉड्यूलों में से दो – एक लैंडर और एक एसेंट वाहन – एक दिन या इसके बाद चंद्र सतह पर भेज देगा.
मिशन विशाल ज्वालामुखी मैदानी ओशनस प्रोसेलरम (“ओशन ऑफ स्ट्रॉम्स”) के मॉन्स रुम्कर क्षेत्र में उतरेगा, जिसके कुछ हिस्सों को कई अन्य सतह मिशनों द्वारा खोजा गया है, जिसमें 1969 में नासा का अपोलो 12 भी शामिल है.