चीन में मुस्लिमों की आबादी रोकने के लिए औरतों के साथ की जा रही दरिंदगी..

चीन का कोरोना हो या उसकी पड़ोसियों को परेशान करने की नीतियां इन दिनों ये सभी खबरों में छाई हुई हैं। चीन के तेवर इस वक्त बगावत वाले नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि, चीन की मनमानी रोकने के लिए कई देश एक साथ आ गये हैं। लेकिन फिर भी चीन अपनी हरकतों से बाज आता नहीं दिख रहा है।चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार देश में मुस्लिम आबादी पर अंकुश लगाने के लिए अब कठोरता पर उतर आई है। एक ओर जहां उइगर और दूसरे अल्पसंख्यकों के बीच जन्म दर को घटाने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं, वहीं देश के हान बहुसंख्यकों को ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, पहले कभी-कभार कोई महिला जबरन गर्भनिरोधक के बारे में बोलती थी, लेकिन यह चलन पहले के मुकाबले ज्यादा बड़े पैमाने पर और सुनियोजित तरीके से शुरू हो चुका है। शिनजियांग के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र में पिछले चार साल से चलाए जा रहे अभियान को कुछ विशेषज्ञ जनसांख्यिकीय नरसंहार करार दे रहे हैं।
पड़ताल के दौरान लिए गए साक्षात्कार और आंकड़े बताते हैं कि इस प्रांत में अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को नियमित तौर पर गर्भावस्था जांच कराने के लिए कहा जाता है। इतना ही नहीं उन्हें कॉपर-टी जैसे अंतर्गर्भाशयी उपकरण (आइयूडी) लगवाने के अलावा नसबंदी कराने तथा लाखों महिलाओं को गर्भपात कराने के लिए भी मजबूर किया जाता है। जा कि बेहद खतरनाक है।चीन मे पहले से ही उइगर मुस्लिमों के साथ बर्बरता के मामले सामने आ चुके हैं। जिसकी वजह से अमेरिका ने तो चीन की कम्युनिष्ट पार्टी के नेताओं पर बैन तक लगा दिया है।
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लेकिन चीन इसके बाद भी अपनी हरकतों से बाज आता हुआ नहीं दिख रहा है। इस खाबर के बाह आने से चीन की काफी आलोचना हो रही है।