इन दिनों भारत और चीन के बीच खासा तनाव देखा जा रहा है। डोकलाम को लेकर दोनों देशों के बीच तनातनी जारी है। चीन आए दिन कोई ना कोई नया तरीका भारत के खिलाफ अपनाने लग रहा है। ऐसे में चीनी मीडिया भी भारत को नीचा दिखाने में लगी हुई है। इस बीच तिब्बत में सैन्य अभ्यासों के बहाने अपने हजारे टन सैन्य सामानों को चीन इस तरफ भेजने में लगा हुआ है। जानकारी है कि चीन की तरफ से सैन्य मात्रा में बढ़ोतरी सिक्कम सीमा के पास ना होते हुए पश्चिमी शिनजियांग के पास उत्तरी तिब्बत में हुई है।
चीन अपने सैन्य सामान को सड़क और रेल नेटवर्क के जरिए सिक्किम सीमा के निकट नाथू ला तक पहुंचा सकता है। चीन अगर ऐसा करता है तो उसकी इस कोशिश में करीब 700 किलोमीटर की दूरी को वह एक्सप्रेसवे नेटवर्क की सहायता से सिर्फ 7 घंटों में पूरी कर सकता है। वही साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने चीनी सेना के मुखपत्र पीएलए डेली के हवाले से यह बात लिखी हुई है कि अशांत तिब्बत और शिनजियांग प्रांत में पश्चिमी थिएटर कमांड ने उत्तरी तिब्बत में कुनलुन पर्वतों के दक्षित में सैन्य समान भेजे हैं।
दूसरी तरफ एक अन्य अखबार द्वारा यह बात लिखी गई है कि पीएलए दर्शाना चाहती है कि वह भारत को आसानी से हरा सकती है। हालांकि दक्षिण एशिया के रणनीतिक विशेषज्ञ वांग देहुआ का कहना है कि सैन्य ऑपरेशन साजोसामान को लेकर है। उन्होंने कहा है कि वहीं तीन जुलाई की भी एक रिपोर्ट में बताया गया था कि युद्ध की तैयारी की जानकारी लेने के लिए पश्चिमी थियेटर कमान ने तिब्बत में 51 सौ मीटर की बख्तरबंद ड्रिल को अंजाम दिया था। चीनी सेना के तिब्बत मिलिट्री कमांड के अधीन तिब्बत के पठार पर यह अभ्यास किया गया।
युद्ध अभ्यास पर चीन सेंट्रल टेलीविजन पर एक वीडियो भी जारी किया गया। इस बार जारी किया गया युद्ध अभ्यास का वीडियो पिछले महीने के अभ्यास से अलग नजर आ रहा है। इस वीडियो में तोप, होवित्जर और एंटी टैंक ग्रेनेड के साथ राडार यूनिट दिखाया गया है, जबकि पहले के वीडियो में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के 96 युद्ध टैंकों को प्रदर्शित किया गया था।रिपोर्ट में बताया गया कि अभ्यास करने वाला ये ब्रिगेड फ्रंटलाइन कॉम्बैट मिशन के लिए जाना जाता है और काफी लंबे समय से ब्रह्मपुत्र नदी के मध्य और निचले क्षेत्रों में तैनात है। इसने सैनिकों की जल्द तैनाती से लेकर कई मिलिट्री यूनिट के बीच सामंजस्य का अभ्यास किया।