बीजिंग। चीन ने फिर अपनी पाकिस्तान की सरपरस्ती करते हुए एक बार फिर आतंकी मसूर अजहर को संयुक्त राष्ट्र की आतंकी सूची में डालने की भारत की वकालत पर अड़ांगा लगा दिया है। चीन ने एक बार फिर अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर टेक्निकल रोड़ा लगाते हुए इसकी मियाद को 3 महीने के लिए और बढा ली है। इस बार मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव अमेरिका की ओर से लाया गया था। अब एक बार फिर मसूद अजहर को लेकर चीन और भारत आमने-सामने आ सकते हैं। वैसे भी इन दोनों देशों के बीच डोकलाम को लेकर दूरियां लगातार बढ़ी हुई हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय ने मसूद अजहर के मामले पर निर्णय लेने लिए मियाद को बढा दिया है। भारत लगातार जैश के इस सरगना को वैश्विक आतंकियों की सूची में डालने की वकालत कर रहा है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हर बार चीन इस मामले में कोई ना कोई अड़ंगा लगा देता है। इस बार फिर इस महीने के अंत में ये प्रस्ताव परिषद के सामने पेश होने की उम्मीद की जा रही है। इस बार अमेरिका, ब्रिटेन समेत फ्रांस ने भी इसको सूची में डालने के लिए वकालत की थी। लेकिन चीन ने तकनीकि आधार लेते हुए इस मामले की मियाद को 3 माह के लिए बढ़ा लिया है।
ऐसे में एक बार फिर भारत की उम्मीदों का बड़ा झटका चीन की तरफ से लगा है। सर्वसम्मति ना बनने का आधार बना चीन कई बार इस मामले को अटका चुका है। इस बार एक बार फिर ये मामला अगस्त माह के अंत में परिषद के सामने आ सकता है। इसके पहले पिछले साल मार्च में भारत ने यह प्रस्ताव पेश किया था। लेकिन चीन ने अटका कर इसे खारिज करा दिया था। भारत के इस प्रस्ताव को सुरक्षा परिषद में शामिल 15 सदस्यों में 14 ने समर्थन किया है।