ये तो सभी जानते हैं कि चीन हमेशा से भारत का दुश्मन और पाकिस्तान का दोस्त रहा है, और जब चीन पाकिस्तान का दोस्त है तो एक दोस्त का असर दूसरे दोस्त में जरूर आता है।
नई दिल्ली। ये तो सभी जानते हैं कि चीन हमेशा से भारत का दुश्मन और पाकिस्तान का दोस्त रहा है, और जब चीन पाकिस्तान का दोस्त है तो एक दोस्त का असर दूसरे दोस्त में जरूर आता है। जिस तरह पाकिस्तान हर दिन भारत के खिलाफ नई-नई चाले चलता रहता है उसी तरह चीन भी अब पाकिस्तान की पैर तले की लेने लगा है और भीरत के खिलाफ चाल चलने लगा है। दरअसल कोरोना संक्रमण के चलते भारत के कुछ सैनिक इस वायरस की चपेट में आ गए थे जिसके बाद भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर मार्च में शुरू होने वाले अपने अभ्यास को रोक दिया था। चीन ने इसी का फायदा उठाकर सीमा पर कारगिल जैसी साजिश रच डाली।
बता दें कि चीन ने रणनीति के चलते भारतीय सेना के पेट्रोलिंग इलाके में आगे बढ़ते हुए अपनी जगह मजबूत कर ली। जिसके बाद से दोनों देशों के बीच का तनाव चरम पर पहुंच गया है। मीडिया तो सूत्रों ने बताया कि भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस का सब सेक्टर नॉर्थ (SSN) में मार्च में होने वाला अभ्यास रोक दिया था क्योंकि कुछ कुछ सैनिक कोरोना पोजिटिव पाए गए थे। इस अभ्यास को जवाबी अभ्यास कहते हैं। जिसमें भारतीय सेना में हिमाचल के सैनिक शामिल होते हैं।
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मार्च के दूसरे हफ्ते में सेना के एक जवान में कोरोना के लक्षण पाए गए थे जिसके बाद सेना में कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए। जिसमें से एक फैसला ये भी था। कि सीमा पर सैना का अभ्यास रोक दिया जाए। जिसका फायदा अब चीन उठा रहा है। साथ ही ये फैसला भी लिया गया था कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सुरक्षाबलों के जमावड़े को रोक दिया गया था।
बता दें कि इसी तरह का धोखा चीन ने एक बार सन 1962 में भी दिय़ा था। बता दें कि भारतीय सेना के अभ्यास रोकने के बाद चीन ने भी एक महीने के लिए अपनी तरफ से इस अभ्यास को रोक दिया था। लेकिन चीन ने चालाकी दिखाई और सीमा पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी और उनको सीमा पर मजबूती से तैनात होने के आदेश दे दिए। चीनी सैनिकों के पहुंचने के कारण दौलद बेग ओलिड और काराकोरम पास से लेह तक जाने के लिए पिछले साल बनाए गए सड़क से संपर्क टूट जाने का खतरा मंडराने लगा है।