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संयुक्त राष्ट्र की महासभा में बोले शी जिनपिंग, युद्ध में नहीं पड़ना चाहता चीन

शी जिनपिंग

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने संयुक्त राष्ट्र की महासभा (UNGA) में मंगलवार को एक बयान दिया हैं। बता दें कि शी जिनपिंग ने अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हमलों और भारत के साथ लद्दाख में सीमा तनाव के बीच यह बयान दिया हैं। संयुक्त राष्ट्र की महासभा में शी जिनपिंग ने कहा कि चीन का इरादा किसी भी देश के साथ किसी तरह के युद्ध में पड़ने का नहीं हैं। शी जिनपिंग ने अपने भाषण में यह भी कहा कि दुनिया को सभ्यताओं की लड़ाई में नहीं पड़ना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा, “बड़े देशों को बड़े देशों की तरह ही काम करना चाहिए।” बता दें कि ट्रंप ने कोरोना वायरस महामारी के लिए चीन की जवाबदेही तय करने की मांग की थी।

विवाद को बातचीत से सुलझाने की बात कही

चीन का पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ महीनों से चल रहे तनाव के बीच जिनपिंग ने महासभा के अपने भाषण में कहा कि चीन कभी भी अपने आधिपत्य का विस्तार करने या फिर अपना प्रभाव कहीं और बढ़ाने की कोशिश नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि चीन अपने विवादों और मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाना जारी रखेगा।

पीएम मोदी ने दिया था संदेश

बता दें कि पीएम मोदी जब 4 जुलाई को लद्दाख पहुंचे थे, तो उन्होंने यहां पर कहा था कि विस्तारवाद का युग खत्म हो गया हैं, जिसे चीन के लिए संदेश के तौर पर देखा गया था। भारत ने चीन की आक्रामकता का जवाब आर्थिक मोर्चे पर रणनीतिक तरीके से देने का प्रयास किया हैं, जिसमें देश के कई सेक्टरों से चीनी संस्थाओं और कंपनियों का हस्तक्षेप कम करना हैं।

शी-जिनपिंग ने संबंधो को सुधारने पर दिया जोर

भारत की इस कार्रवाई पर भी शी-जिनपिंग ने अप्रत्यक्ष रूप से टिप्पणी की। शी जिनपिंग ने कहा कि “हमारा देश बंद दरवाजों के पीछे अपना विकास नहीं करेगा। बल्कि हम वक्त के साथ घरेलू प्रसार को सबसे ऊपर और फिर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्रसार को एक दूसरे को मजबूत बनाने का विकास प्रतिमान बनाना चाहते हैं, इससे चीन के आर्थिक विकास को भी जगह मिलेगी और इससे वैश्वविक अर्थव्यवस्था और विकास भी सुधर पाएगा।”

कोरोना वायरस को लेकर हो रहे हमलों के जवाब में जिनपिंग ने कहा कि “हमें इस वक्त में एक दूसरे के साथ खड़ा होना चाहिए, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नेतृत्व में विज्ञान का अनुसरण करना चाहिए और इस मुद्दे पर राजनीति करने की किसी कोशिश को नकारा जाना चाहिए।”

बेनतीजा रही छटे दौर की बातचीत

बता दें कि चीन और भारत के बीच मंगलवार को सैन्य वार्ता का छठा दौर 14 घंटे चला, लेकिन सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि इस दौर की बातचीत में भी कोई नतीजा नहीं निकला हैं। जानकारी के मुताबिक इस दौर की बातचीत में पूर्वी लद्दाख में अत्यधिक ऊंचाई पर स्थित टकराव बिंदुओं के पास तनाव कम करने के तरीकों पर पर बात की गयी। हालांकि दोनों पक्षों ने बातचीत आगे बढ़ाने के लिए फिर से बैठक करने पर सहमति जताई हैं।

 

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