बीजिंग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लंदन में सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर दिए गए साक्षतकार में पाकिस्तान को आतंक का निर्यात करने वाली फैक्ट्री बताया था। इसी के साथ पीएम ने कहा था कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद हमने पाकिस्तान को फोन करके कहा था कि आकर अपनी लाशे ले जाओ। ये मोदी है अगर तुम हमारे जवानों को मारोगे तो हम तुम्हें छोड़ देंगे बिल्कुल भी नहीं। पीएम की इस टिप्पणी पर चीन ने अपने दोस्त पाकिस्तान का साथ दिया है। चीन ने कहा है कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद से जूझ रहा है।
चीन का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान की मदद करनी चाहिए ताकि वो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ सके। साथ ही चीन ने इस बात के संकेत भी दिए कि चीन के किंगदाओ शहर में होने वाली शांघाई सहयोग संगठन की सालाना बैठक के एजेंडे में आतंकवाद का मुद्दा भी शामिल रहेगा। आठ सदस्यीय एससीओ में भारत और पाकिस्तान पिछले साल शामिल हुए हैं। लंदन में गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान मोदी ने कहा कि भारत यह कतई बदार्श्त नहीं करेगा कि कोई उसे आतंक का निर्यात करे।
पीएम ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा था कि कुछ लोगों ने अपने यहां आतंक नियार्त की फैक्ट्री खोल रखी है और वे हमारे देश के लोगों पर हमला करते हैं। उसमें युद्ध करने की ताकत नहीं है इसलिए वो पीठ पीछे वार करते हैं। ऐसे मामलों में मोदी को मालूम है कि उसे क्या करना है और ऐसे लोगों को किस भाषा में और किस तरह जवाब देना है। पीएम मोदी की इसी टिप्पणी पर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि आतंकवाद सबका दुश्मन है और इससे सबको जूझना पड़ा रहा है।
हुआ ने कहा कि अंतरार्ष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के मुकाबला करने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए। अंतरार्ष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की मदद करनी चाहिए। एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद का मुद्दा होने के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि जहां तक आतंकवाद के मसले पर विदेश मंत्रियों की बैठक का सवाल है तो मेरा मानना है एससीओ का मकसद क्षेत्र में प्रासंगिक सहयोग को बढ़ावा देना है।