लद्दाख में भारत और चीन के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। इसी बीच एक खबर आयी की भारतीय सैनिकों को चीनी सेना ने बंधक बना लिया है।
लेकिन बाद में रिहा कर दिया गया। हालांकि, सेना की ओर से कहा गया है कि चीन की ओर से भारतीय जवानों को हिरासत में नहीं लिया गया और न ही उनके हथियार छीने गए हैं।
आपको बता दें कुछ बडी मीडिया रिपोर्ट में भारतीय सैनिकों को बंधक बनाने के दावे किए गये थे।
भारतीय सेना ने रविवार को बयान जारी कर इस तरह की खबरों का खारिज किया है।
सेना ने कहा है कि सीमा पर किसी भी भारतीय जवान को हिरासत में नहीं लिया गया था।
भारत और चीन के बीच विवाद की मुख्य वजह बॉर्डर एरिया में कंस्ट्रक्शन का काम बताया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, बॉर्डर पर दोनों ओर से तैनाती बढ़ा दी गई है। हालात ठीक करने के लिए हर स्तर पर बातचीत जारी है। हालाकि इस मुद्दे पर सेना की तरफ से कोई बड़ा बयान नहीं आया है।
चीन लद्दाख के पैंगॉन्ग लेक और गालवन घाटी के आसपास लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर सैनिकों की संख्या तेजी से बढ़ा रहा है।
जानकारों का कहना है कि चीन ने एलएसी के आसपास सेना की टुकड़ियां बढ़ाकर साफ संकेत दे दिए हैं कि वह भारतीय सेना से हुए टकराव को जल्द खत्म करना नहीं चाहता।
भारतीय सेना के कड़े विरोध के बावजूद चीन ने गालवन घाटी में पिछले दो हफ्ते के भीतर 100 तंबू लगाए हैं। इसके अलावा बंकर बनाने से जुड़ी मशीनरी भी लाई जा रही है।
इस बीच, आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे शुक्रवार को लेह पहुंचे। यहां उन्होंने 14 कोर के लेह स्थित मुख्यालय में शीर्ष आर्मी कमांडरों के साथ बैठक की। इसमें एलएसी पर विवादित स्थल समेत पूरे इलाके की सुरक्षा हालात की समीक्षा की गई।
सैन्य सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना भी पैंगॉन्ग लेक और गालवन घाटी में चीन की चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार है। यहां भारतीय सेना की तैनाती बढ़ाई जा रही है।
इलाके के कई अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में भारत की स्थिति चीन से बेहतर है।
आपको बता दें, भारत और चीन के सैनिकों के बीच इस महीने तीन बार झड़प हो चुकी है। इन घटनाओं पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी करते हुए कहा था कि भारतीय सैनिक अपनी सीमा में ही गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
भारतीय सेना की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पार एक्टिविटीज की बातें सही नहीं हैं।
वास्तविकता में यह चीन की हरकतें हैं, जिनकी वजह से हमारी रेगुलर पेट्रोलिंग में रुकावट आती है।
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भीरत चीन की सभी नापाक हरकतों का मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। और उसके नापाक मनसूबों को पूरा होने से रोक रहा है।