देहरादून। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने आर्थिक अपराध के मामलों में तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए फूल प्रूफ एसओपी अपनाया जाये। साइबर क्राइम पर नियंत्रण करने के लिए आईटी एक्सपर्ट की सेवाएं ली जांय। मुख्य सचिव सचिवालय में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के राज्य स्तरीय समन्वय समिति की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में बताया गया कि आर्थिक अपराध के 19 मामले आरबीआई ने राज्य सरकार के एसटीएफ को संदर्भित किए थे। इन मामलों में तत्काल कार्रवाई करते हुए एसटीएफ ने 9 धोखाधड़ी के मामले में लोगों को बचाया।
कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की गई
बता दें कि फ्रॉड करने वाली एक कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की गई। शेष मामलों में कार्रवाई चल रही है। महाप्रबंधक आरबीआई राजेश कुमार ने राज्य सरकार को प्रोटेक्शन ऑफ इंटेरेस्ट्स ऑफ डिपॉजिटर्स एक्ट और संशोधित मनी लेंडिंग रेगुलेशन एक्ट को अधिसूचित करने के लिए धन्यवाद दिया। इसके साथ ही राज्य सरकार के प्रयासों से देहरादून में रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज का आफिस मंजूर होने की भी सराहना की। अब सभी कंपनियों का पंजीकरण कानपुर में होने की बजाय देहरादून में हो सकेगा। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में 12 मल्टी स्टेट कोआपरेटिव सोसाइटीज संचालित हैं।
जांच करने पर पते गलत पाए गए
वहीं जांच करने पर इनके पते गलत पाए गए। इन्होंने रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसाइटी को भी सूचित नही किया। सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोआपरेटिव सोसाइटी को पंजीकरण निरस्त करने के लिए लिखा गया है। बैठक में सचिव वित्त अमित नेगी, अपर सचिव वित्त सविन बंसल, एडीजी अशोक कुमार, उपमहाप्रबंधक आरबीआई तारिक सिंह, महा प्रबंधक नाबार्ड विवेक सिन्हा, उपमहाप्रबंधक सेवी विभुदत्ता समल, एसएसपी एसटीएफ बरिंदर जीत सिंह, एसपी इंटेलिजेंस स्वीटी अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।