केदारनाथ। केदारनाध धाम में चल रहे विकास कार्य का प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, आयुक्त गढवाल दिलीप जावलकर ने पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया। मुख्य सचिव ने धाम में पैदल निरीक्षण के दौरान एम आई 26 से सरस्वती पुल के निर्माण कार्य का जायजा लिया और इस रास्ते को आम जन के लिए 10 अप्रैल से खोलने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि समयसीमा के अंदर कार्य पूर्ण न करने पर ठेकेदार के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। केदारनाथ मन्दिर का दृश्य बाधित न हो इसके लिए रास्ते के दोनो ओर लाइटनिंग, सुरक्षा दीवार निर्मित करने के निर्देश दिए गए।
इसके अलावा उन्होंने केदारनाथ मे 50 फीट रास्ते के पीछे उपस्थित मकानों को ध्वस्त कराने व उनकी पैमाइश करने के साथ ही क्षतिग्रस्त होने वाले मकान निवासियों के अन्यत्र ठहरने की व्यवस्था के लिए जगह चिन्हित करने के निर्देश दिए गए। धाम में एमआई-17 हैलीपेड के पीछे लगाई गई पत्थर काटने की मशीन को संचालित करने व निर्बाध गति से विद्युत आपूर्ति करने के निर्देश देने के साथ-साथ लोनिवि व विद्युत विभाग को दिया गया। सोनप्रयाग में प्रतिदिन कारीगरों द्वारा तराश कर तैयार किए जा रहे पत्थरों को धाम में समय से पहुँचाने का भी उन्होंने निर्देश लोनिवि विभाग को दिया।
मुख्य सचिव ने कहा कि विभाग द्वारा 10 हजार व अवशेष पत्थरों के लिए पीडब्ल्यूडी द्वारा उपलब्ध कराने को कहा गया है इसलिए तुरन्त पत्थरों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए जिससे कार्य समय से पहले पूरा हो सके। सिंह ने कहा कि शंकराचार्य समाधि का निर्माण कार्य, ध्वस्त मकानों का निर्माण व 03 मकानों (पंजाब एंड सिंध, कमल शुक्ला, चन्द्रकान्त शुक्ला के मकान) मे हल्की तोड-फोड की मरम्मत के कार्य शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जिलाधिकारी श्री मंगेश घिल्डियाल, चीफ इंजीनियर लोनिवि श्री ओम प्रकाश उप्रैती, सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।