नई दिल्ली। टैक्स टेररिज्म डिबेट को लेकर चर्चा में आये बेंगलुरु के चीफ इनकम टैक्स कमिशनर बीआर बालाकृष्णन अपने रिटायरमेंट के करीब हैं। कैफ़े कॉफ़ी डे श्रृंखला के अध्यक्ष वीजी सिद्धार्थ ने बोर्ड के सदस्यों और कर्मचारियों को लिखे पत्र में बिना किसी का नाम लिए I-T के डीजी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। सिद्धार्थ ने लिखा ‘एक पूर्व डीजी ने उनके शेयर्स को दो बार अटैच किया, जिससे माइंडट्री के साथ उनकी डील ब्लॉक हो गई। जबकि संशोधित रिटर्न्स उनकी ओर से फाइल किए जा चुके थे। हालांकि संशोधित रिटर्न हमारे द्वारा दायर किए गए हैं। यह बहुत अनुचित था और एक गंभीर लिक्विडिटी की कमी का कारण बना”।
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार 1983 बैच का वही भारतीय राजस्व अधिकारी बुधवार (31 जुलाई) को बेंगलुरु के I-T मुख्य आयुक्त के रूप में सेवानिवृत्त होंगे। बालाकृष्णन ने सिद्धार्थ के पत्र के बाद भारत में टैक्स टेरिरिज्म को लेकर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया था। हाल ही में बालाकृष्णन अपनी टीम द्वारा की गई छापेमारी को लेकर राजनीतिक विवाद में फंस गए थे। तब एच। डी। कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कर्नाटक की गठबंधन सरकार ने चुनाव आयोग से इस I-T अधिकारी के खिलाफ शिकायत की थी।
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार आधिकारिक तौर पर शेयरों को जब्त करने का आदेश देने वाले बीआर बालाकृष्णन थे, जो वर्तमान में आयकर (जांच विंग) के महानिदेशक हैं और कर्नाटक और गोवा के लिए आई-टी के प्रमुख मुख्य आयुक्त भी हैं। बालकृष्णन बुधवार को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
कुमारस्वामी और अन्य मंत्रियों ने आरोप लगाया था कि चुनाव से पहले जेडी (एस) और कांग्रेस के समर्थकों पर जानबूझकर छापेमारी की गई थी। डीजी (जांच) के रूप में शामिल होने से पहले, बालाकृष्णन ने चेन्नई और मुंबई में आईटी विभाग की जांच विंग में कार्यरत थे। 2017 में बालाकृष्णन की अगुवाई में एक जांच ने गुटखा घोटाले का खुलासा किया था, जहां तमिलनाडु के मंत्रियों को रिश्वत दी गई थी। उनके सहयोगियों ने बताया कि बालाकृष्णन प्रौद्योगिकी कुशल होने के अलावा एक कुशल और ईमानदार अधिकारी थे।