नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने मोदी सरकार को आगाह किया है कि वो अब यूपीए-2 की तर्ज पर चल पड़ी हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह यूपीए की सरकार को भ्रष्टाचार के आरोपो ने डूबौया,ठीक वैसे ही मोदी सरकार भी उसके कार्यकाल के समापन की और बढ़ते-बढ़ते उस पर भी ऐसे आरोप लग सकते हैं। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार पर उसके कार्यकाल के अंतिम दौर में उस पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के समाप्ति वर्ष यानी की साल 2019 में ऐसे आरोप बीजेपी की सरकार पर भी लग सकते हैं। हालांकि वे नहीं चाहते कि ऐसा हो।
चिदंबरम ने टाटा लिटरेचर लाइव महोत्सव में कहा कि अपना कार्यकाल पूरा करने वाली पिछली यूपीए-2 की सरकार और उस के कार्यकाल के अंत समय पर उसपर कई आरोप लगे।किसी भी सरकार का पांच साल का कार्यकाल पूरा होने का इंतजार करें, उस पर अंत के समय पर धब्बे लग ही जाते हैं। उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता कि बीजेपी की सरकार पर ऐसे आरोप लगे,लेकिन ऐसा होगा। उन्होंने कहा हमारी सरकार पर भी कई आरोप लगे, लेकिन जब दोषी ठहराने की बारी आती है तो किसी को भी सजा दिलवाने के पर्याप्त सबूत ही नहीं होते।
चिदंबरम ने कहा कि जब तक सामने वाला बेकसूर साबित नहीं हो जाता तब तक उसे दोषी समझा जाता है और मेरे विचार से ये गलत है क्योंकि इससे देश में कानून का शासन प्रभावित होगा। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने कहा कि भ्रष्टाचार का मुख्य कारण लालच है जो चुनाव के लिए धन की जरूरत से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक व्यक्ति या राजनीतिक दल के मामले में, चुनाव के लिए पैसा जरूरी है जो उस राह पर भेजता है जिसे आप भ्रष्टाचार कहते हैं। जब तक आप चुनाव के लिए धन के रास्ते नहीं खोज लेते तब तक आप भ्रष्टाचार को कम नहीं कर पाएंगे।
नोटबंदी को लेकर उन्होंने कहा कि मोदी सरकार केवल 41 करोड़ रुपये की जाली मुद्रा जब्त कर सकी जो नोटबंदी के बाद वापस आये सारे जाली नोटों का महज 0.0027 प्रतिशत है। चिदंबरम ने दावा किया कि जाली नोटों को समाप्त करने के लिहाज से देखें तो नोटबंदी निराशाजनक रूप से नाकाम रही। उन्होंने कहा कि सरकार ने दावा किया कि नोटबंदी के बाद आतंकवाद पर काबू पाने में मदद मिली, लेकिन 10 नवंबर तक घुसपैठों की संख्या, मारे गये आतंकवादियों की संख्या, मारे गये नागरिकों की संख्या और शहीद हुए जवानों की संख्या, सबकुछ 2016 की इस अवधि की तुलना से ज्यादा हैं।