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जानिए: कैसे एक ऑवर से बदल गई चेन्नई सुपरकिंग्स की किस्मत तीसरी बार बनी IPL चैंपियन

chennai super kings जानिए: कैसे एक ऑवर से बदल गई चेन्नई सुपरकिंग्स की किस्मत तीसरी बार बनी IPL चैंपियन

नई दिल्ली। शेन वॉटसन को क्रिकेट फैंस लंबे समय तक याद रखेंगे। इसका प्रमुख कारण यही है कि उन्होंने फाइनल मैच में धुआंधार नाबाद शतक जमाकर चेन्नई सुपरकिंग्स को तीसरी बार आईपीएल चैंपियन बनाया। वॉटसन ने सिर्फ 57 गेंदों में 11 चौके और 8 छक्कों की मदद से नाबाद 117 रन बनाए। वॉटसन ने तो फाइनल यादगार बना दिया, लेकिन इस बीच उन्होंने एक गेंदबाज के करियर पर गहरा धब्बा लगा दिया। जी हां, वॉटसन ने सनराइजर्स हैदराबाद के तेज गेंदबाज संदीप शर्मा के एक ओवर में 27 रन जड़कर उनके करियर के साथ खिलवाड़ कर दिया।

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आईपीएल 2018 का फाइनल मुकाबला बेहद रोमांचक हुआ

बता दें कि चेन्नई सुपरकिंग्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच बीते रविवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर आईपीएल 2018 का फाइनल मुकाबला बेहद रोमांचक हुआ। सनराइजर्स हैदराबाद ने पहले बल्लेबाजी करके चेन्नई के सामने 179 रन का लक्ष्य रखा। जवाब में चेन्नई सुपरकिंग्स ने 9 गेंदें शेष रहते 8 विकेट से मुकाबला व खिताब जीता। वॉटसन चेन्नई की जीत के हीरो रहे।

वहीं एक समय मैच बेहद रोमांचक स्थिति में था, तब यह कहना मुश्किल हो रहा था कि आईपीएल 2018 की चैंपियन चेन्नई बनेगी या फिर हैदराबाद। चेन्नई को 48 गेंदों में 75 रन की दरकार थी, तब तक उम्मीद की जा रही थी कि मजबूत गेंदबाजी आक्रमण वाली हैदराबाद कुछ कमाल करेगी और दूसरी बार चैंपियन बनने का गौरव हासिल करेगी। मगर शेन वॉटसन के इरादे कुछ और ही थे। उन्होंने 13वें ओवर में संदीप शर्मा की जमकर धुनाई की और चेन्नई की जीत की कहानी लिख दी।

साथ ही वॉटसन ने संदीप शर्मा के एक ओवर में तीन छक्कों और दो चौकों की मदद से कुल 27 रन बनाए। यही मैच का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। चलिए आपको बताते हैं कि इस ओवर का पूरा रोमांच कैसा रहा। संदीप ने पहली गेंद अच्छी डाली और कोई रन नहीं दिया। ओवर की बस यही गेंद अच्छी रही। अगली पांच गेंदों पर क्या हुआ, उसके लिए अगली स्लाइड पर क्लिक करें:

गौरतलब है कि संदीप शर्मा ने ओवर की दूसरी गेंद लो फुलटॉस की, जिस पर वॉटसन ने एक्स्ट्रा कवर्स की दिशा में शॉट खेला और चार रन हासिल किए। फिर संदीप ने तीसरी गेंद ऑफ स्टंप के बाहर शॉर्ट लेंथ की गेंद डाली, जिस पर वॉटसन ने दमदार पुल शॉट खेला और छक्का जमाया। वॉटसन ने चौथी गेंद पर फिर छक्का जमाया। यह छक्का ज्यादा बड़ा रहा क्योंकि गेंद सीधे स्टैंड्स में दर्शकों के बीच गई। संदीप ने यह बॉल लो फुलटॉस की थी।

इतना ही नहीं वॉटसन यही नहीं रुके। उन्होंने ऑफ स्टंप के बाहर आई गेंद पर मजबूत शॉट जमाया और लांगऑन की दिशा में छक्का जड़कर हैट्रिक पूरी की। संदीप शर्मा पूरी तरह निराश हो चुके थे। कप्तान केन विलियमसन ने शर्मा को समझाकर अपनी लाइन व लेंथ सुधारने की सलाह दी। मगर शर्मा वापसी नहीं कर सके। उन्होंने ओवर की आखिरी गेंद ऑफ स्टंप के काफी बाहर डाली, जिसे अंपायर ने वाइड करार दिया। संदीप ने आखिरी गेंद फिर से ऑफ स्टंप के बाहर डाली, जिस पर वॉटसन ने बैकवर्ड पॉइंट और पॉइंट के फील्डर के बीच से शॉट खेलकर चौका हासिल किया।

यहां से मैच चेन्नई के पक्ष में आ चुका था। इस ओवर के बाद सीएसके को जीत के लिए 42 गेंदों में 48 रन की दरकार थी।
इसके बाद वॉटसन ने एकतरफा शतक जमाते हुए चेन्नई को चैंपियन बना दिया। मजेदार बात यह रही कि वॉटसन शुरुआत में रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। उन्होंने पहली 25 गेंदों में सिर्फ 28 रन बनाए थे जबकि अगली 26 गेंदों में 72 रन जमा दिए।

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