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INX Media केस में पी चिदंबरम उनके बेटे कार्ति चिदम्बरम समेत कुल 15 लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल 

p chidambaram 1 INX Media केस में पी चिदंबरम उनके बेटे कार्ति चिदम्बरम समेत कुल 15 लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल 

नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया केस में सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम  उनके बेटे कार्ति चिदम्बरम और कंपनियों समेत कुल 15 लोगों व निकायों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भ्रष्टाचार के इस मामले की जांच जारी है। उसने बताया कि सिंगापुर एवं मॉरीशस को भेजे गए आग्रह पत्र पर जवाब का इंतजार किया जा रहा है।  सुप्रीम कोर्ट में पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई.कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है।

बता दें कि आईएनएक्स मीडिया मामले में पी चिदंबरम के खिलाफ सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मामले में चार्जशीट दाखिल हो गई है। उन्हें गिरफ्तार करने के लिए नहीं बल्कि पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया गया। इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने का आखिरी दिन था। इस मामले में चिदंबरम, उनके बेटे, अफसरों व कंपनियों समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

वहीं सीबीआई ने कहा कि चिदंबरम गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। एक गवाह ने प्रभावित करने की कोशिश की बात कही है। उसकी जानकारी सील कवर में सीबीआई कोर्ट को दी गई है। वह गवाह इंद्राणी मुखर्जी नहीं है। सीबीआई ने कहा कि चिदंबरम को जमानत नहीं दी जानी चाहिए इससे गवाहों को प्रभावित करने की गंभीर आशंका है। SG तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले में भ्रष्टाचार हुआ है और मनी लॉन्ड्रिंग भी चल रही है। सरकार की करप्शन को लेकर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति है।

सीबीआई ने कहा कि इस मामले में अफसर सिंधुश्री खुल्लर को भी आरोपी बनाया गया है। सीबीआई ने कहा कि उनकी फ्लाइट रिस्क बरकरार है। कई उदाहरण हैं कि देश में संपत्ति होने के बावजूद लोग भाग गए। चिदंबरम को जमानत नहीं मिलनी चाहिए। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि केवल आईएनएक्स ही एक ऐसा मामला नहीं है जिसकी जांच चल रही है बल्कि पी चिदंबरम जब वित्त मंत्री थे उस दौरान की सभी FIPB के एप्रूवल को लेकर जांच चल रही है।

साथ ही पी चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि भले ही इस मामले में चार्जशीट दाखिल हो गई हो लेकिन वो जमानत ना देने का आधार नहीं हो सकता है। सिब्बल ने कहा कि अगर इनके आरोप-पत्र के हिसाब से मैं दोषी हूं तो ये निचली अदालत में साबित करें। इस बात को जमानत की सुनवाई के दौरान लाने का कोई मतलब नहीं है। मैं सभी सवालों का जवाब ट्रायल के दौरान दूंगा। सिब्बल ने 2-जी मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि 2-जी मामले में भी गंभीर आरोप लगे थे लेकिन परिणाम क्या हुआ? सिब्बल ने कहा कि इसको लेकर कोर्ट का फैसला है।

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