बता दें कि कैराना सीट पर बीजेपी के हुकुम सिंह ने साल 2014 में जीत दर्ज की थी और नूरपुर सीट पर भी बीजेपी के लोकेंद्र सिंह ने 2017 के विधानसभा चुनावों में विरोधियों को परास्त किया था। इन दोनों के निधन के बाद ही दोनों सीटों पर उपचुनाव करवाया जा रहा है। जहां हुकुम सिंह का तीन फरवरी को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था तो वहीं लोकेंद्र सिंह का 21 फरवरी को सीतापुर में सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था। लोकेंद्र लखनऊ में इंवेस्टर्स समिट में शामिल होने के लिए आ रहे थे।
गौरतलब है कि गोरखपुर और फूलपुर हारने के बाद यहां पर सीएम योगी और बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है। कैराना और नूरपुर उपचुनाव 2019 में माहौल बनाने में कारगार साबित होगा क्योंकि गोरखपुर और फूलपुर में हार से बीजेपी की काफी किरकिरी हुई थी। दरअसल यहां पर सपा-बसपा के गठबंधन के कारण बीजेपी को तगड़ा झटका लगा था इसलिए अगर यहां भी सपा-बसपा मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो बीजेपी को नुकसान हो सकता है। हालांकि पिछले चुनाव में दोनों के वोट मिलाकर भी बीजेपी से काफी कम थे।