चैत्र महीने की शुरुआत से ही नवरात्र पर्व को मनाने की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक चैत्र मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रों (Chaitra Navratri) का शुभारंभ हो जाता है। इस साल 2 अप्रैल से मां दुर्गा को समर्पित चैत्र नवरात्रों की शुरुआत हो रही है यह नवरात्रे 10 अप्रैल तक चलेंगे। चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान आदिशक्ति के विभिन्न रूपों को अलग-अलग दिन पूजा की जाती है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस साल चैत्र नवरात्र में काफी शुभ योग बन रहे हैं। कलश स्थापना से लेकर मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने से श्रद्धालुओं को दुगना फल प्राप्त होगा। तो आइए जानते हैं इस चैत्र नवरात्रि कौन से विशेष योग बन रहे हैं।
सर्वार्थ सिद्धि योग
ज्योतिष में सर्वदा सिद्धि योग को काफी शुभ माना जाता है। नवरात्र के 9 दिनों में से 6 दिन यह शुभ योग बन रहा है। चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) के पहले दिन यानी चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि के अलावा 3,5,6,9 और 10 अप्रैल को सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। योग में भक्तों के सभी कार्य पूर्ण निर्मित होंगे।
अमृतसिद्धि योग
चैत नवरात्रि के पहले दिन ही अमृत सिद्धि योग बन रहा है इस योग में विभिन्न प्रकार के कार्यों को करना काफी शुभ माना जाता है। यह विशेष योग अमृत फल देने योग्य माना जाता है। बता दें रोहिणी नक्षत्र के साथ शनिवार 2 अप्रैल से नवरात्र आरंभ हो रहे हैं।
रवि पुष्य योग
नवरात्र के दौरान रविवार को पुष्य नक्षत्र की वजह से रवि पुष्य योग बन रहा है। मान्यता है कि रवि पुष्य योग में गृह प्रवेश, ग्रह शांति, शिक्षा संबंधित मामलों के लिए काफी शुभ है यदि आप किसी नए व्यापार को शुरू करने की योजना बना रहे हैं तो यह आपके लिए सबसे उत्तम समय है। यह योग नवरात्रि के आखिरी दिन यानी 10 अप्रैल को बन रहा है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी।
रवि योग
ज्योतिष शास्त्र में रवि योग को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता यह है कि रवि योग में मनुष्य की सभी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं। इस योग में पूजा करने से जल्द ही फल प्राप्त होता है। चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) के दौरान 4,6 और 10 अप्रैल को रवि योग बन रहा है। रवि योग के दौरान दुर्गा चालीसा का पाठ करना अत्यधिक फायदेमंद होता है।