September 25, 2023 9:50 pm
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Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि के अंतिम दिन होती है मां सिद्धिदात्री की पूजा, जानिए पूजा विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त

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Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन आज मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां सिद्धिदात्री भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं और उन्हें यश, बल और धन भी प्रदान करती हैं। शास्त्रों में मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता है। मां सिद्धिदात्री के पास अणिमा, महिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, गरिमा, लघिमा, ईशित्व और वशित्व यह 8 सिद्धियां हैं।

मां सिद्धिदात्री पूजा- विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।
  • मां को सफेद रंग के वस्त्र अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को सफेद रंग पसंद है।
  • मां को स्नान कराने के बाद सफेद पुष्प अर्पित करें।
  • मां को रोली कुमकुम लगाएं।
  • मां को मिष्ठान, पंच मेवा, फल अर्पित करें।
  • माता सिद्धिदात्री को प्रसाद, नवरस युक्त भोजन, नौ प्रकार के पुष्प और नौ प्रकार के ही फल अर्पित करने चाहिए।
  • मां सिद्धिदात्री को मौसमी फल, चना, पूड़ी, खीर, नारियल और हलवा अतिप्रिय है। कहते हैं कि मां को इन चीजों का भोग लगाने से वह प्रसन्न होती हैं।
  • माता सिद्धिदात्री का अधिक से अधिक ध्यान करें।
  • मां की आरती भी करें।
  • अष्टमी के दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन कन्या पूजन भी करें।

नवरात्रि के नौवें दिन का शुभ रंग
नवरात्रि की नवमी तिथि को बैंगनी या जामुनी रंग पहनना शुभ होता है। यह रंग अध्यात्म का प्रतीक होता है।

मां का स्वरूप
मां सिद्धिदात्री महालक्ष्मी के समान कमल पर विराजमान हैं। मां के चार हाथ हैं। मां ने हाथों में शंख, गदा, कमल का फूल और च्रक धारण किया है। मां सिद्धिदात्री को माता सरस्वती का रूप भी मानते हैं।

मां सिद्धिदात्री का पूजा मंत्र
सिद्धगन्‍धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।

मां सिद्धिदात्री की सिद्धियां
शास्त्रों के मुताबिक मां सिद्धिदात्री के पास आठ सिद्धियां है जो निम्न है- अणिमा, ईशित्व, वशित्व, लघिमा, गरिमा, प्राकाम्य, महिमा और प्राप्ति। माना जाता है कि हर देवी-देवता को मां सिद्धिदात्री से ही सिद्धियों की प्राप्ति हुई थी। इसलिए कहते हैं आज के दिन मां की विधि-विधान करना शुभ साबित हो सकता है।

महानवमी मुहूर्त

  • नवमी तिथि का प्रारंभ- 10 अप्रैल देर रात 01 बजकर 32 मिनट से शुरू
  • नवमी तिथि समाप्त- 11 अप्रैल सुबह 03 बजकर 15 मिनट तक

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