हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्र {Chaitra Navratri} को काफी खास माना जाता है। नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है। आज से चैत्र नवरात्र आरंभ हो रहे हैं। जिसका समापन 11 अप्रैल को होगा। नवरात्र में मां दुर्गा की वाहन का काफी महत्व माना जाता है। हर नवरात्र में मां दुर्गा अलग-अलग वाहन पर सवार होकर आगमन करती है।
मान्यताओं के अनुसार यदि नवरात्र की शुरुआत रविवार या सोमवार से होती है तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती है। और अगर नवरात्र का आरंभ मंगलवार या शनिवार को होता है तो मां दुर्गा घोड़े की सवारी कर आगमन करती है। जब नवरात्र की शुरुआत गुरुवार व शुक्रवार से होती हैं तो मां डोली पर सवार होकर आती है। चैत्र नवरात्र {Chaitra Navratri} इस बार आज यानी शनिवार से आरंभ हो रहे हैं और मां घोड़े की सवारी के साथ भक्तों के घरों में आगमन करेंगी।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष के अनुसार चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मंदिर में कलश स्थापना की जाती है इस बार कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 12 अप्रैल सुबह 6:10 बजे से 8:30 बजे तक का है।
कैसे करें कलश स्थापना?
कल स्थापना के लिए सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें। साफ कपड़े धारण करें। मंदिर की साफ सफाई कर सफेद या लाल कपड़ा बिछाएं। इस कपड़े पर थोड़ा सा चावल एक मिट्टी के पात्र में जौ बोए। कलश पर स्वास्तिक बनाकर उस पर कलावा बांधे। कलश में सुपारी, सिक्का, अक्षत डालकर अशोक व आम के पत्ते रखें। एक नारियल लें और उस पर चुनरी लपेटकर कलावा बंधकर मां दुर्गा का स्मरण करते हुए नारियल को कलश के ऊपर रखें। उसके बाद दीप जलाकर कलश की पूजा करें। नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा करने के लिए सोना चांदी तांबा पीतल मिट्टी के कलश की स्थापना की जाती है।