इंग्लिश कैलेंडर में जनवरी से नए साल की शुरूआत होती है, लेकिन हिंदू कैलेंडर और पंचांग के अनुसार चैत्र मास को पहला महीना माना जाता है। इस महीनें को भक्ति और संयम का माना जाता है।
इस साल चैत्र मास की शुरूआत 29 मार्च से हुई है, ये पावन महीना 27 अप्रैल तक चलेगा। हिंदू कैलेंडर में इसे पहला महीना माना जाता है, आप कह सकते हैं कि हिंदुओं का नया साल इसी महीने से शुरू होता है। चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष में ही हिन्दू के नए वर्ष की शुरुआत होती है।
इसलिए पड़ा चैत्र नाम
इस महीने के अंतिम दिन यानी कि पूर्णिमा को चंद्रमा चित्रा नक्षत्र में होता है इसलिए इस महीने का नाम चैत्र रखा गया। इस महीने में हिंदुओं के कई बडड़े व्रत औऱ त्यौहार भी पड़ते हैं। इस वजह से चैत्र मास को भक्ति और संयम का महीना भी कहा जाता है। महाभारत के अनुशासन पर्व में भी कहा गया है कि चैत्र मास में केवल एक समय ही खाना-खाना चाहिए।
अब आपको बताते हैं कि भक्ति और संयम के इस महीने में क्या करना चाहिए और क्या नहीं
ये काम करना चाहिए
- आयुर्वेद और अध्यात्म के अनुसार चैत्र महीने में ठंडे पानी से स्नान करना चाहिए, क्योंकि इस महीने में गर्म पानी से स्नान करने पर कमजोरी और संक्रमण की संभावना अधिक होती है
- चैत्र महीने में सिर्फ एक समय खाना-खाना चाहिए
- चैत्र के महीने में भगवान विष्णु और सूर्य की पूजा की जाती है। व्रत रखने का भी बड़ा महत्व बताया गया है
- सूर्योदय से पहले उठकर ध्यान और योग करना चाहिए
- सूर्य और देवी की आराधना करने से व्यक्ति के पद और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है
- नियमित रूप से पेड़ों में जल डालना चाहिए
चैत्र महीने में भूल से भी ये न करें
- भोजन में अनाज का कम से कम और फलों को ज्यादा खाएं
- बासी भोजन नहीं करना चाहिए
- सोने से पहले हाथ-मुंह धो लेना चाहिए और पतले कपड़े पहनना चाहिए
- श्रृंगार भी संतुलित करना चाहिए