नई दिल्ली। गुरुवार की सुबह एक बार फिर से घाटी के लिए काला दिन लेकर आई। सुबह जम्मू-कश्मीर में आर्मी कैंप पर घात लगाकर आतंकियों ने हमला किया। सेना के जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की, लेकिन इस मुठभेड़ में एक मेजर समेत तीन सैन्यकर्मी शहीद हो गए।
इस हमले में दो आतंकी भी मारे गए हैं। कश्मीर में पिछले कुछ समय से हालात काफी खराब हैं। कश्मीर के वर्तमान हालात पर गृह मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है।
कयास लगाए जा रहे हैं कि बैठक के दौरान राजनाथ सिंह कश्मीर के हालातों पर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। आम लोगों से लेकर स्कूल-कॉलेज के बच्चे भी सेना पर पत्थरबाजी कर रहे हैं। पिछले दिनों इन घटनाओं पर राजनाथ सिंह ने संसद में कहा था कि सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म जिसमें फेसबुक, ट्विटर, व्हॉट्सएप शामिल हैं, इनके जरिए पाकिस्तान के कुछ समूह जम्मू कश्मीर के युवकों को सेना पर पत्थरबाजी के लिए उकसा रहे हैं।
घाटी के हालातों पर कुछ दिनों पहले राजनाथ सिंह ने एक समीक्षा बैठक भी की थी। इस बैठक के बारे में सूत्रों के हवाले से मिल रही खबरों के मुताबिक अधिकारियों ने श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र के लिए 9 अप्रैल को हुए उपचुनाव के दौरान भड़की हिंसा के बाद कश्मीर घाटी में जारी अशांति, हालातों, पत्थरबाजी और विरोध की रिपोर्ट राजनाथ सिंह को सौंपी है। साथ ही अधिकारियों ने राजनाथ को बताया कि हालातों को काबू करने के लिए कौन से कदम उठाए जा सकते हैं।
इस दौरान सुरक्षाबल के जवानों पर पथराव की बढ़ती घटनाओं से उपजी चुनौती से निपटने की रणनीति पर भी विचार- विमर्श किया गया। राजनाथ ने अधिकारियों को नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा के आसपास के इलाकों में चौकसी और निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया, जिससे गर्मी के मौसम का फायदा उठाते हुए घाटी में घुसपैठ पर रोक लगाया जा सकें।