शनिवार को दार्जिलिंग में गोरखा जनमुक्ति केंद्र (GJM) के द्वारा किया गया अनिश्चितकालीन बंद ने हिंसक रूप धारण कर लिया। ऐसे में केंद्र ने यहां पर और ज्यादा सुरक्षाबलों को भेजने से मना कर दिया। केंद्र का कहना है कि जब तक ममता बनर्जी वहां के हालातों के बारे में पूरी रिपोर्ट तैयार कर के नहीं भेजेगी तब तक वहां पर और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती नहीं की जाएगी। ऐसे में एक बार फिर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले में दखल ना देने की बात कही है। वही इससे पहले हुए यहां भड़की हिंसा के कारण इंडिया रिजर्व बटालियन के डिप्टी कमांडेंट ऑफिसर पर जोरदार हमला किया गया था। यहां किरण तमांग पर जोरदार धारदार हथियारों से हमला होने के बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। ऐसे में जीजेएम द्वारा पुलिस पर उनके कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप लगाया है। हिंसा के दौरान जीजेएम कार्यकर्ताओं के वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। बता दें कि शनिवार को अनिश्चितालीन बंद का छठा दिन था। वही पुलिस का कहना है कि हिंसा के दौरान जीजेएम कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस पर पथराव भी किया गया है।
दूसरी तरफ ममता बनर्जी का एक बयान सामने आया है। उन्होंने इस हिंसा के पीछे एक गहरी साजिश होना बताया है। ममता बनर्जी ने उच्च स्तरीय बैठक के दौरान यह बात कही है। ममता बनर्जी का कहना है कि हमला करने के लिए हथियार एक दिन में नहीं जुटाए जाते हैं, इसमें किसी की काफी गहरी साजिश है। जिसके बाद जीजेएम चीफ गुरुंग का आरोप है कि ममता सरकार में पुलिस जबरदस्ती लोगों के घरों में घुस पर उन्हें प्रताडित कर रही है। बता दें कि यहा पर्यटन का काफी बड़ा व्यवसाय है। आए दिन यहां की खूबसूरत वादियों का नजारा लेने के लिए यहां पर्यटकों का तांता लगा होता है। और यहां हिंसा होने के चलते पर्यटन करीब 90 फीसदी ठप हो गए हैं।
याद दिला दें कि मई के महीने में यहां पर ममता बनर्जी ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था। इस नोटिफिकेश ने में लिखा गया था कि सभी स्कूलों में 10वीं तक बंगाली भाषा को पढ़ाना अनिवार्य होगा। जिसके बाद जीजेएम ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। जीजेएम द्वारा कई साल पुरानी मांग (अलग गोरखा लैंड की मांग) फिर से उठ गई।