नई दिल्ली। केंद्र सरकार दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन डीएवाई-एनआरएलएम के तहत एक नई उप-योजना की शुरूआत करेगी जिसका नाम आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना (एजीवाई) होगा। गुरूवार को लोकसभा में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए ग्रामीण विकास राज्यमंत्री रामकृपाल यादव ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य डीएवाई-एनआरएलएम के तहत स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को आजीविका के वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध कराना है।
इसके तहत उन्हें पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं परिचालित करने की सुविधा प्रदान की जाएगी। इससे ई-रिक्शा, तीन पहिया व चार पहिया मोटर परिवहन वाहनों जैसी सुरक्षित और सस्ती सामुदायिक निगरानी वाली ग्रामीण परिवहन सेवाएं उपलब्ध होंगी, जिनसे क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास के लिए दूरदराज के गांवों को बाजार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मुख्य सेवाओं और सुविधाओं से जोड़ा जा सकेगा।
मंत्री ने कहा कि यह उप-योजना 2017-18 से 2019-20 तक 3 वर्षों की अवधि के लिए एक पायलट आधार पर देश के 250 ब्लॉकों में लागू की जाएगी। राज्यों को पायलट चरणों में इस उप-योजना को लागू करने के लिए उन्हें आवंटित ब्लॉकों की संख्या के बारे में सूचित किया गया है। इस उप-योजना के तहत दिए जाने वाले प्रस्तावित विकल्पों में से एक सामुदायिक आधार संगठन (सीबीओ) है जो अपनी निधि से वाहन खरीदने के लिए स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करेगा।
यादव ने बताया कि सरकार देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर) में डीएवाई – एनआरएलएम लागू कर रही है। डीएवाई – एनआरएलएम के तहत अब तक 34.4 लाख महिला स्वयं सहायता समूह इस कार्यक्रम के तहत प्रोत्साहित किए गए हैं। इस कार्यक्रम के तहत वित्तीय सहायता मुख्य रूप से रिवाल्विंग निधि और सामुदायिक निवेश निधियों के रूप में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और उनके महासंघों को अनुदान के रूप में दी जाती है। अभी तक 3.96 लाख स्वयं सहायता समूहों को लगभग 1815 करोड़ रुपये की कुल राशि जारी की जा चुकी है।