नई दिल्ली। सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित विवादित फिल्म ‘पद्मावती’ कुछ चुनिंदा मीडियाकर्मियों को दिखाए जाने पर आपत्ति प्रकट की है। उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड ने अभी तक फिल्म देखी नहीं है और न ही फिल्म प्रमाणन दिया है, ऐसे में फिल्म निर्माता द्वारा प्राइवेट स्क्रीनिंग करना निराशाजनक है।
बता दें कि प्रसून जोशी का कहना है कि फिल्म को प्रमाण पत्र देने की एक प्रणाली है तथा प्राइवेट स्क्रिनिंग से यह व्यवस्था कमजोर होती है। उन्होंने कहा कि भंसाली ने सेंसर बोर्ड को जो फिल्म और कागजात सौंपे थे वह अधूरे थे। फिल्म कथानक ऐतिहासिक है या काल्पनिक इसकी उद्घोषणा करने वाले कॉलम को खाली छोड़ दिया गया था। इस कारण इसे फिल्म निर्माता के पास दोबारा भेज दिया गया।
वहीं भंसाली ने पद्मावती फिल्म की प्राइवेट स्क्रीनिंग की थी, जिसमें टेलीविजन चैनल द रिपब्लिक के अर्णव गोस्वमी और इंडिया टीवी के रजत शर्मा शामिल थे। फिल्म देखने के बाद इन दोनों पत्रकारों ने कहा कि फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है कि जिसे आपत्तिजनक माना जाए। उनके अनुसार, भंसाली ने गहन शोध और बहुत मेहनत से यह फिल्म तैयार की है जिसमें राजपूतों और राजस्थान का गौरव बढ़ाया गया है।
साथ ही सेंसर बोर्ड के अधिकारी ने इन पत्रकारों के खुलासे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ये लोग फिल्म को प्रमाण पत्र दिए जाने के पहले ही फिल्म के बारे में सार्वजनिक रूप से बयानबाजी कर रहे हैं जो उचित नही है। अधिकारी के अनुसार, इसे प्राइवेट स्क्रिनिंग नहीं माना जा सकता।
इतना ही नहीं दूसरी ओर करणी सेना ने आज घोषणा की है कि 01 दिसम्बर को भारत बंद का आह्वान पूर्वत कायम है। संस्था के अध्यक्ष लोकेन्द्र सिंह काल्वी ने कहा कि फिल्म के रिलीज होने के दिन देश में व्यापक रैलियां और प्रदर्शन किया जाएगा। करणी सेनाओं के नेताओं का कहना है कि भंसाली यदि यह फिल्म पत्रकारों को दिखा सकते हैं तो यह राजपूत प्रतिनिधियों और मेवाड़ एवं जयपुर के राजपरिवार के सदस्यों को क्यों नही दिखाई जा सकती है।