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CBSE Board Exams 2021: बिना परीक्षा पास होंगे छात्र, जानिए कैसे तैयार होगा रिजल्‍ट  

CBSE Board Exams 2021: बिना परीक्षा होंगे पास, जानिए कैसे तैयार होगा रिजल्‍ट  

लखनऊ: कोरोना संक्रमण के बीच केंद्र सरकार ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की इंटरमीडिएट (12वीं) की परीक्षा निरस्‍त कर दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्‍य और अन्‍य हितधारकों से व्‍यापक चर्चाक बाद इस संबंध में फैसला लिया था।

हालांकि, सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द होने के बाद छात्रों व उनके अभिभावकों के मन में एक सवाल उठ रहा होगा कि आखिर छात्रों के रिजल्‍ट किस आधार पर तैयार किए जाएंगे। वहीं, अगर कोई छात्र अपने परीक्षा परिणाम से संतुष्‍ट नहीं है तो उसके लिए क्‍या विकल्‍प हैं।

असंतुष्‍ट होने पर छात्रों को मिले दूसरा मौका: पीएम   

ऐसे में सबसे पहले आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में सीबीएसई के अधिकारियों से कहा था कि, इंटरमीडिएट के छात्रों के रिजल्ट वेल डिफाइंड मानदंडों के अनुसार समयबद्ध तरीके से तैयार किए जाएं। साथ ही बोर्ड से यह भी सहूलियत देने को कहा गया कि यदि कोई छात्र अपने परीक्षा परिणाम से संतुष्ट नहीं होता है तो उसे ऑफलाइन परीक्षा का दूसरा मौका दिया जाए। मगर, ऐसा सिर्फ कोरोना से स्थितियां सामान्‍य होने के हालातों पर ही होगा।

वहीं, बैठक में शामिल केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि, छात्रों के रिजल्ट तैयार करने के लिए इंटरनल एग्‍जाम को भी आधार पर बनाया जा सकता है। अभी तक छात्रों की 11वीं और 12वीं की जो दो इंटरनेल परीक्षाएं हुई हैं, उसके एसेसमेंट के आधार पर नतीजे आएंगे। हर परीक्षा में उनके एडमिशन के लिए पिछले वर्ष की तरह सुविधा भी रहेगी और आगे चलकर परिस्थिति जब सामान्‍य होगी तो एग्‍जाम दे सकते हैं।

न्‍यू एग्‍जाम पॉलिसी से तैयार होंगे रिजल्‍ट!

अगर फिर भी आप सोच रहे हैं कि सीबीएसई परीक्षा परिणाम को किस तरह पारदर्शी और सर्वग्राही तरीके से बना सकती है तो बोर्ड 10वीं के लिए तैयार की गई न्यू एग्जाम पॉलिसी को अपना सकती है। इसमें पॉलिसी में सात विद्यालय के अध्‍यापकों के साथ प्रिंसिपल को शामिल करते हुए एक कमेटी बनाने की बात कही गई है, जिसे ‘रिजल्‍ट कमेटी’ नाम दिया गया है। रिजल्ट तैयार करने में यही कमेटी पूरा रोल निभाएगी और इसके चेयरपर्सन स्‍कूल के प्रिंसिपल होंगे।

इस कमेटी में स्‍कूल के प्रधानाचार्य के अलावा सात अध्‍यापक होंगे, जो रिजल्‍ट को फाइनल रूप देंगे। इन अध्‍यापकों में पांच उसी स्‍कूल से होंगे, जो मैथ, सोशल साइंस, साइंस और दो लैंग्‍वेज के होंगे। ये अध्‍यापक वो होंगे, जिन्‍होंने छात्रों के को पढ़ाया है और उनके संपर्क में रहे हैं। कमेटी में इसके अलावा दो अध्‍यापक पास के किसी अन्‍य स्‍कूल के होंगे, जिन्‍हें स्‍कूल कमेटी के एक्‍सटर्नल मेंबर के तौर पर शामिल किया जाएगा।

ईमानदारी से असेसमेंट करने की जिम्‍मेदारी

सीबीएसई की ओर से जारी पॉलिसी के एनेक्शचर वन के मुताबिक, इन टीचर्स के बारे में यह सुनिश्‍च‍ित किया जाए कि वो परीक्षा परिणाम के बारे में ईमानदारी से असेसमेंट करेंगे। साथ ही यह दोनों अध्‍यापक भी सीबीएसई एफिलिएटेड स्‍कूल से होने चाहिए, जो हाईस्‍कूल के बच्‍चों को ही पढ़ाते रहे हों।

इसके साथ ही यह भी ध्‍यान में रखना होगा कि जो अध्‍यापक एक स्‍कूल की रिजल्‍ट कमेटी में है, वो दूसरे स्‍कूल की कमेटी में शामिल नहीं होगा। दोनों स्‍कूलों को परस्‍पर यह भी सुनिश्‍च‍ित करना होगा कि वह एक ही मैनेजमेंट के नहीं होने चाहिए। कोरोना काल में 10वीं का निष्‍पक्ष और भेदभाव रहित रिजल्‍ट तैयार करना इस कमेटी की पहली जिम्‍मेदारी है।

छात्रों को मिल सकता है दूसरा मौका

ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि सीबीएसई बोर्ड इसी तरह की पॉलिसी 12वीं के लिए भी अपनाए। हालांकि, यह भी सबसे स्पष्ट बात है कि अगर कोई छात्र अपने रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होता है तो उसे कोरोना संक्रमण कम होने पर ऑफलाइन परीक्षा देने का मौका भी मिल सकता है।

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