देहरादून। उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बदलते ही प्रशासन की कार्यवाही में सख्ती स्पष्ट देखी जा सकता है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 240 करोड़ से ज्यादा के एनएच -74 घोटाले के मामले पर कार्यवाही करते हुए 6 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के ऊधमसिंह नगर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण में घोटाला किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घोटाले में तहसील कर्मचारियों के साथ बड़ी संख्या में अन्य लोग भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में शामिल 07 अधिकारी डीपी सिंह, अनिल शुक्ल,सुरेंद्र सिंह जंगपांगी,जगदीश लाल,भगत सिंह फोनिया,एनएस नगन्याल,हिमालय सिंह मर्तोलिया सभी उपजिलाधिकारियों को निलंबित करने का फैसला किया गया है। उन्होंने बताया यह मामला अब सीबीआई को सौंप दिया गया है इसलिए इसमें अब कोई एसआईटी या अन्य जांच राज्य स्तर पर नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ऐसे मामले में जीरो टॉलरेन्स नीति पर काम कर रही है और ऐसे लोगों को कड़ी सज़ा दी जायेगी।
क्या है एनएच- 74 घोटाले का मामला- एनएच- 74 में हुए इस घोटाले में ऊधमसिंह नगर से गुजरने वाले नेशनल हाईवे-74 के चौड़ीकरण के लिए किए गए भूमि अधिग्रहण में बड़ा घोटाला पकड़ा था। कुछ दलालों से मिलीभगत कर चौड़ीकरण के लिए आवश्यक कृषि भूमि को खरीदा गया।इसके बाद कागजों में हेरफेर करके गैर कृषि में परिवर्तित करके करीब आठ से दस गुना ज्यादा मुआवजा ले लिया। कमिश्नर ने इस मामले की प्राथमिक जांच की तो पता चला कि वर्ष 2011 से 2014 के बीच यहां तैनात रहे करीब दस अधिकारियों ने इस घपले को अंजाम दिया। खबरों की माने तो नेशनल हाईवे के भूमि अधिग्रहण घोटाला तकरीबन 300 करोड़ से ज्यादा का है, इस मामले में तत्कालीन जिलाधिकारियों के अलावा एसडीएम और डिप्टी कलेक्टरों की मिलीभगत सामने आयी थी।