नई दिल्ली। मंगलवार का दिन कई राजनेताओं के लिए बुरी खबर लेकर आया। सुबह-सुबह पहले सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदबंरम के बेटे के घर पर छापेमारी की, फिर आयकर विभाग ने एक के एक बाद एक लालू य़ादव के 22 ठिकानों पर छापेमारी। आईटी की छापेमारी के बाद लालू यादव ने अपना गुस्सा सोशल मीडिया के जरिए निकाला तो बेटे कार्ति चिदबंरम के घर पर छापेमारी के बाद पी चिदबंरम का कहना है कि उनके बेटे पर कार्रवाई बदले के भावना के तहत की गई है।
आवाज दबाने के लिए छापेमारी
उन्होंने कहा मेरे खिलाफ यह मामला राजनीतिक कारणों और द्वेष का नतीजा है। मेरे खिलाफ कुछ भी साबित नहीं किया जा सकता और मैंने कोई अपराध नहीं किया है। यह केवल सरकार के खिलाफ मेरे पिता की आवाज को दबाने के लिए किया गया है।
क्या है मामला
दरअसल पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदबंरम समेत आईएनएक्स मीडिया के पूर्व मालिकों पर सीबीआई ने आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर दिल्ली, चेन्नई, गुरूग्राम समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की है। बता दें कि आईएनएक्स मीडिया के पूर्व मालिकों में पीटर और इंद्राणी मुखर्जी का नाम भी शामिल है। इन सभी लोगों पर आरोप लगा है कि कार्ति ने अपने प्रभाव से कंपनी को फायदा पहुंचाया है और करोड़ों रुपये की रिश्वत ली है।
क्या कहती है सीबीआई की एफआईआर
सीबीआई ने अपनी एफआईआर में कहा है कि इस कंपनी ने वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले फारेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से मारीशस की तीन कंपनियो को अपनी कंपनी के 46 प्रतिशत से ज्यादा शेयर दस रूपये के प्रति शेयर देने की अनुमति मांगी। एफआईआऱ में कहा गया है कि एफआईपीबी बोर्ड ने कंपनी को कुल 4करोड 62 लाख रुपये एफडीआई के तौर पर लेने की अनुमति दी थी। एफआईआर में ये भी कहा गया है कि कार्ति की सलाह के आधार पर ही कंपनी ने वित्त मंत्रालय को जवाब दिया था कि उसने सबकुछ ठीक कर दिया है। हालांकि कंपनी ने ऐसा कुछ भी नहीं किया बल्कि कार्ति के प्रभाव में एफआईपीबी बोर्ड ने कंपनी के घोटाले को नजरअंदाज तो किया ही साथ ही अपने अधिकारिक पद का दुरूपयोग करते हुए कंपनी से कहा कि वो एक नयी एप्रूव्ल एप्लीकेशन दे दे औऱ बाद में कंपनी को इसकी इजाजत भी दे दी गई।
नहीं कोई बदले की भावना
चिदबंरम के रेड को बदलने की भावना का रूप देने के मामले के बाद भाजपा के कई नेता पक्ष में आकर खड़े हुए हैं। केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि भाजपा किसी के खिलाफ बदले की भावना से कोई भी काम नहीं करती है। सीबीआई की जांच की ये आंच पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम तक भी पहुंच सकती है क्योकि कंपनी को दिए जाने वाले दोनों आदेशों के समय चिदंबरम ही वित्त मंत्री थे और सीबीआई का कहना है कि कोई कार्ति को घूस क्यों देगा और वित्त मंत्रालय के अधिकारी कार्ति का आदेश क्यों मानेंगे?
शीना बोरा हत्यांकाड के आरोपी है पीटर और इंद्राणी
बता दें कि इंद्राणी और पीटर मुखर्जी का नाम पहली बार मीडिया में शीना बोरा हत्याकांड के वक्त आया था। सीबीआई ने इंद्राणी पर संपत्ति विवाद की वजह से उसकी हत्या करने का, पीटर पर साजिश की जानकारी होने का और ड्राइवर के साथ मिलकर शीना का गला घोंटने का आरोप लगा है।
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