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CBI विवादः चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा आज पूरी बात सुनी जाएगी

CBI विवादः चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा आज पूरी बात सुनी जाएगी

सुप्रीम कोर्ट आज सीबीआई चीफ आलोक वर्मा की केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है मिली जानकारी क मिुताबिक चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है आज वह सभी बातें सुनेंगे। अदालत में अभी सुनवाई के दौरान जोरदार बहस हो रही है। मालूम हो कि सीनियर वकील फली नरीमन ने वर्मा को केंद्र सरकार द्वारा छुट्टी पर भेजे जाने के फैसले को लेकर सीबीआई में नंबर दो अधिकारी आलोक वर्मा केी ओर से दलीलें दी हैं।

 

CBI विवादः चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा आज पूरी बात सुनी जाएगी
CBI विवादः चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा आज पूरी बात सुनी जाएगी

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वकील नरीमन ने सुप्रीम कोर्ट को भेजे गए वर्मा के जवाब लीक होने पर दलील दी कि मीडिया को रिपोर्टिंग से नहीं रोक सकते हैं। मालूम हो कि 20 नवंबर को पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी द्वारा तैयार रिपोर्ट पर आलोक वर्मा के जवाब मीडिया में लीक होने से नारजी जाहिर की थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि आप सब सुनवाई के काबिल नहीं हैं इसी के साथ कोर्ट ने सुनवाई को टाल दिया था। वहीं नरीमन ने सीलबंद जवाब लीक होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था और कहा था कि रिपोर्ट कैसे लीक हुई इसका उनको पता नहीं हैं।

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बता दें कि इसी के सीबीआई में नंबर दो राकेश आस्था के विरूद्ध जांच करने वाली समित के एक अधिकारी एके बस्सी ने भी उनके अंडमान ट्रांसफर किए गए जाने के मामले सुनवाई करने की अपील की थी। लेकिन कोर्ट ने तुरन्त सुनवाई से साफ मना कर दिया था।अंडमान तबादला किए गए ए.के.बस्सी के वकील राजीव धवन ने आज मुख्य नयायाधीश रंजन गोगोई से कहा कि पिछली सुनवाई में आपने कहा था कि हम सब सुनवाई के काबिल नहीं हैं,यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण था। वकी के की इस बात पर चीफ जस्टिस ने कहा कि आपको पूरा सुना जाएगा। कोर्ट ने कहा कृपया आप शांत रहें। वकील धवन ने कहा कि वह शांत हैं। मिली खबर के अनुसार सुनवाई दोपहर 2 बजे तक के लिए टाल दी है। दिए गए समय पर मामले की सुनवाई शुरू होगी।

वकील नरीमन के दलीलें

वकील नरीमन ने शीर्ष अदालत में अपने जिरह में कहा कि प्रधानमंत्री,विपक्ष के नेता और सीजेआई की कमिटी ही सीबीआई निदेशक की नियुक्ति करती है और निदेशक का कार्यकाल न्यूनतम दो साल होता है। अगर इस दौरान असाधारण स्थितियां बनती हैं और सीबीआई निदेशक का तबादला किया जाना है तो कमिटी की अनुमति लेने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल के मामले में ट्रांसफर में नियमों का पालन नहीं किया गया। वकील ने कहा कि आलोक वर्मा की नियुक्ति 1 फरवरी 2017 को की गई थी। वकल नरीमन ने कहा ट्रांसफर का अधिकार सिलेक्शन कमिटी को था। वकील ने सवाल किया कि कैसे सीबीआई निदेशक के अधिकारों को छीना जा सकता है?

गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम अदालत ने छुट्टी पर भेजे गए आलोक वर्मा का सीवीसी को भेजे गए जवाब लीक पर नाराजगी जताई थी।सीबीआई के डीआईजी मनीष कुमार के आरोपों के प्रकाशित होने पर भी कोर्ट ने सख्ती दिखाई थी। बता दें कि आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में एनजीओ कॉमन कॉज ने सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ विशेष जांच टीम के गठन के लिए याचिका डाली है। सीबीआई बनाम सीबीआई के विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में आलोक वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीवीसी की रिपोर्ट पर सुनवाई की थी। कोर्ट आज सीबीआई अधिकारी आलोक वर्मा और एके बस्सी की याचिका पर सुनवाी कर रहा है।

महेश कुमार यादव 

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