चेन्नई। तमिलनाडु में कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर किसान संगठनों और राजनीतिक दलों ने सोमवार को प्रदर्शन किया तथा रेलवे का परिचालन बाधित किया। थंजावुर जिले में पुलिस ने रेल पटरियों पर प्रदर्शन करने वाले कई किसानों को गिरफ्तार किया। वहीं, राज्य की राजधानी चेन्नई में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के नेता एम.के. स्टालिन के नेतृत्व में पेरम्बूर में प्रदर्शन किया गया।
राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन के दौरान डीएमके, कांग्रेस तथा एमडीएमके कई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। कावेरी नदी के जल बंटवारे को लेकर तमिलनाडु तथा कर्नाटक में पिछले काफी समय से तनाव की स्थिति है। जल संसाधन मंत्रालय ने तीन अक्टूबर को सर्वोच्च न्यायलय में एक आवेदन दायर कर 30 सितंबर के उस आदेश में परिवर्तन का अनुरोध किया था, जिसमें न्यायालय ने 4 अक्टूबर तक सीएमबी का गठन करने को कहा था। मंत्रालय ने अपने आवेदन में कहा है कि सीएमबी का गठन इस वक्त नहीं किया जा सकता।
जानिए क्या है कावेरी विवाद:-
– ये पूरा विवाद कावेरी नदी को लेकर के है जिसका उद्गम निकास कर्नाटक का कोडागु जिला है।
– ये नदी 750 मीटर लंबी है।
– कावेरी नदी कई शहरों से गुजरती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
– इसके बेसिन में कर्नाटक का 32, 000 और तमिलनाडु का 40,000 वर्ग किलोमीटर का एरिया शामिल है।
– दोनों ही राज्यों का कहना है कि उन्हें सिंचाई के लिए पानी की जरुरत है जिसे लेकर दोनों राज्यों के बीच विवाद जारी है।
– कर्नाटक का कहना है कि बारिश कम होने की वजह से नदी में पानी का स्तर कम हो गया है इसलिए वो पानी नहीं दे सकता।
– जिसके चलते तमिलनाडु ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है।
– तमिलनाडु का कहना है कि अगर उसे पानी नहीं मिला तो लाखों किसान बर्बाद हो जाएंगे।