हवाना। क्यूबा में आखिरकार 59 साल बाद कास्त्रो परिवार का राज खत्म हो गया। मिगेल डियाज केनेल ने गुरुवार को देश के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। उन्हे ये पद राउल कास्त्रो के इस्तीफे के बाद दिया गया है। आपको बता दें कि 1959 में देश में पहली बार राष्ट्रपति कास्त्रो परिवार से ही चुना गया था और तब से ही वहां राष्ट्रपति के पद पर कास्त्रो परिवार का सदस्य बैठता आ रहा था, लेकिन अब इसका अंत हो चुका है।
दरअसल राउल कास्त्रो पर साल 2006 में राष्ट्रपति बने थे,जिस पर से इस्तीफा देने के बाद भी वो सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी के प्रमुख बने रहेंगे। नए राष्ट्रपति की बात करें तो उनका जन्म 1953 से 1959 तक चली क्यूबा क्रांति के बाद हुआ था और कास्त्रो परिवार के करीबियों में से वे एक रहे हैं। माना जा रहा है कि राउल के हटने के बाद भी क्यूबा की नीतियों में कोई खास बदलाव नहीं आएगा। राष्ट्रपति के तौर पर अपने पहले भाषणा में मिगेल ने पूंजीवाद का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि वो पूंजीवाद का दौर देखना चाहते हैं। मिगेल ने दावा किया कि उनके आने के बाद भी क्यूबा की विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं आएग। अगर कोई बदलाव आएगा तो सिर्फ क्यूबा के लोगों की मर्जी से ही आएगा। अपने चुनाव को ऐतिहासिक बताते हुए मिगेल ने कहा कि लोगों ने इस सदन का वोट देकर क्यूबा की क्रांति को बनाए रखा है। गौरतलब है कि राउल कास्त्रो को भाई फिदेल कास्त्रो के बाद 2008 में सत्ता मिली और उन्होंने कई ऐसे कदम उठाए जिससे क्यूबा का प्राइवेट सेक्टर 6 लाख लोगों तक पहुंच गया।
उन्होंने साल 2008 में देश में नई कृषि नीति लागू की, इसमें निजी किसानों को लाखों हेक्टेयर जमीन खेती के लिए देने का वादा किया गया था। इसके बाद 2011 में कारोबार पर सरकारी नियमों में ढील दी गई और क्यूबा के लोगों को अपने छोटे निजी कारोबार शुरू करने की इजाजत मिल गई। साल 2013 में पहली बार क्यूबा को दुनिया से जोड़ने की कोशिशें शुरू हुईं और लोगों को इंटरनेट मुहैया कराने के लिए वाई-फाई जोन्स बनाए गए।