नई दिल्ली। तीस हजारी कोर्ट ने पूर्व बीजेपी सांसद के संसद में सवाल पूछे जाने के बदले पैसे मांगने के मामले में नराजगी जताते हुए कोर्ट में पेश होवे के लिए आखरी मौका दिया है। विशेष न्यायाधीश पूनम चौधरी ने बीते मंगलवार को सुनवाई के दौरान जलगांव (महाराष्ट्र) से पूर्व बीजेपी सांसद वाईजी महाजन के वकील का कहना है कि यह मामला ‘टाइम बाउंड’ है, इसलिए पेशी में बार-बार छूट नहीं दी जा सकती। लिहाजा 27 सितंबर को उन्हें पेश किया जाए, ताकि आरोप तय करने प्रक्रिया पूरी की जा सके।
वहीं वाईजी महाजन ने कोर्ट में कहा कि स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से वह सुनवाई में पेश नहीं हो पाए हैं। वहीं सुनवाई के दौरान अन्य सभी आरोपी पूर्व सांसद मौजूद रहे। कोर्ट में पेशी के दौरान महाजन के अलावा और भी दस पूर्व सांसद आरोपी हैं। जिनमें छत्रपाल सिंह लोढ़ा (बीजेपी), अन्नासाहेब एमके पाटिल (बीजेपी), मनोज कुमार (राजद), चंद्र प्रताप सिंह (भाजपा), राम सेवक सिंह (कांग्रेस), नरेंद्र कुमार कुशवाहा (बसपा), प्रदीप गांधी (बीजेपी), सुरेश चंदेल (बीजेपी), लाल चंद्र कोल (बसपा) तथा राजा रामपाल (बसपा) शामिल हैं। इनके अतिरिक्त कोर्ट ने एक अन्य व्यक्ति रवींद्र कुमार के खिलाफ भी आरोप तय करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि बाद में कांग्रेस ने अपने एक और भाजपा ने सभी छह सदस्यों को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
जाने क्या था मामला
बता दें कि दिसंबर 2005 में एक टीवी स्टिंग में ये तत्कालीन सांसद सदन में सवाल पूछने के बदले में घूस की मांग करते दिखे थे। इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई थी, जिसकी रिपोर्ट के बाद इन सांसदों को 23 दिसंबर, 2005 को बर्खास्त कर दिया गया था