27 सितंबर से एनसीडीसी दिल्ली में प्रशिक्षण शुरू हो चुका है लेकिन अभी तक उत्तर प्रदेश के डॉक्टरों को प्रशिक्षण के लिए नहीं भेजा गया है। इसको लेकर डॉक्टरों के चयन पर रार बना हुआ है।
इसको लेकर एनसीडीसी ने कहा कि अभी भी हमारे पाठ्यक्रम में शामिल होने की प्रतीक्षा कर रहा है और वे नियमित रूप से हमसे राज्य में शामिल होने की स्थिति के बारे में पूछताछ कर रहे हैं। साथ में कहा गया कि NCDC की ओर से उत्तर प्रदेश हर साल अपने राज्य प्रायोजित उम्मीदवारों को भेजता रहा है, लेकिन इस साल एसीएस को जो पत्र प्रस्तुत किया गया था। उसमें कोई गलती हो गई थी। इस कारण से वर्तमान प्रायोजित राज्य के उम्मीदवारों का प्रशिक्षण रोक दिया गया है।
अपर मुख्य सचिव को लिखा था पत्र
बता दें कि निदेशक डॉक्टर वेदव्रत सिंह ने कहा कि इस बारे में उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने नई दिल्ली में एपिडेमिक इंटेलिजेंस सर्विस कार्यक्रम के तहत चयनित उत्तर प्रदेश के डॉक्टरों को न भेजे जाने को लेकर चिंता जताई थी।
यहां अटकी है फाइल
आपको बता दें कि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र नई दिल्ली की ओर से एपिडेमिक इंटेलिजेंस सर्विस के तहत 2 साल के प्रशिक्षण के लिए ईआईएस के तहत उत्तर प्रदेश के डॉक्टरों डॉक्टरों का चयन हुआ था, लेकिन अभी तक उत्तर प्रदेश के डॉक्टरों को प्रशिक्षण के लिए नहीं भेजा गया है। इसको लेकर उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉक्टर वेदव्रत सिंह ने उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।
इस पत्र में उन्होंने एपिडेमिक इंटेलिजेंस सर्विस कार्यक्रम में डॉक्टरों को न भेजे जाने के संबंध में अवगत कराया। उन्होंने लिखा है कि एनसीडीसी ईआईएस कार्यक्रम से संबंधित फाइल पर डीजी स्वास्थ्य सेवाओं द्वारा विधिवत हस्ताक्षर किए गए हैं। लेकिन फाइल 20 सितंबर 2021 से लखनऊ के शासन में अनुभाग नंबर 1 पर अटकी हुई है।