लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोशल मीडिया शाखा में तैनात पार्थ श्रीवास्तव ने आत्महत्या कर ली। इसके साथ ही उनके कमरे से दो पन्ने का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ। जिसमें अपने साथ काम करने वाले कुछ लोगों के खिलाफ प्रताड़ना करने का उन्होंने आरोप लगाया।
प्रताड़ना से तंग आकर की आत्महत्या
मृतक पार्थ श्रीवास्तव की बहन का बयान सामने आया। उन्होंने पुष्पेंद्र और शैलजा नामक लोगों के खिलाफ आरोप लगाते हुए बड़ी बात कही। मृतक की बहन का कहना है कि प्रताड़ना से तंग आकर उसके भाई ने आत्महत्या की है। इसके साथ ही पार्थ की बहन शालिनी ने अन्य जानकारी भी साझा की। उन्होंने बताया कि मरने से पहले व्हाट्सएप पर सुसाइड नोट भेजा गया था, पार्थ का मोबाइल फोन भी पुलिस के पास है।
पुलिस ने नहीं लिखी एफआईआर
शालिनी ने पुलिस वालों पर भी सही तरीके से कामना करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने अभी तक FIR नहीं लिखी है। इसके साथ ही उसके भाई के मामले में निष्पक्ष जांच करने की भी मांग लगातार परिजन कर रहे हैं। सुसाइड नोट में 3 लोगों का नाम लिखा हुआ है, जिनके खिलाफ पुलिस से कार्रवाई करने की बात कही जा रही है।
ट्वीट किया गया डिलीट
सुसाइड नोट के अलावा एक ट्वीट भी किया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को टैग किया गया था। सोशल मीडिया टीम के कर्मचारी की आत्महत्या मामले में अन्य पहलुओं के भी उजागर होने की आशंका जताई जा रही है। इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया। ऐसे में पार्थ की बहन ने यह भी सवाल पूछा कि आखिर ट्वीट डिलीट किसने किया?