केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए फिलहाल पीएचडी की योग्यता अनिवार्य नहीं हैं। देश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में यह नियम इस सत्र तक लागू रहेगा। हालांकि इससे पहले कुछ विश्वविद्यालयों ने असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए पीएचडी अनिवार्य कर दी थी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए पीएचडी अब अनिवार्य नहीं होगी। ऐसे में जिनके पास पीएचडी की डिग्री नहीं है वह भी असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि यह छूट केवल मौजूदा शैक्षणिक सत्र के लिए है। वहीं शिक्षकों की मांग है की पीएचडी की छूट को 3 साल के लिए बढ़ा दिया जाए।
दरअसल कोरोना संकट के कारण कई छात्र समय पर पीएचडी थीसिस जमा नहीं करवा सके थे। इसी कारण यूजीसी नेट परीक्षा पास कर चुके उम्मीदवारों को फिलहाल पीएचडी की अनिवार्यता से छूट दे दी गईं है। आपको बता दें देशभर में सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय में अभी तक शिक्षकों के लिए 6300 से अधिक पद खाली है।
बीते कुछ दिनों पहले दिल्ली विश्वविद्यालय से संबंधित विभिन्न विभागों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के विज्ञापन जारी किए गए थे। जिसमें पीएचडी की योग्यता अनिवार्य थी।