चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और आम आदमी पार्टी के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने फरवरी में हुए पीएसपीसीएल की परीक्षा के कथित पेपर लीक मामले को लेकर जांच की मांग की है। जांच की मांग करते हुए खैहरा ने कहा कि पेपर लीक के कारण हजारों उम्मीदवारों का भविष्य खराब हो रहा है। उन्होंने कहा कि इससे पहले एसएससी के पेपर लीक हुए तो केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उसकी सीबीआई जांच शुरू करवा दी इसलिए पंजाब में भी पेपर लीक मामले की जांच होनी चाहिए। इसके अलावा उनके साथ प्रेस वार्ता में बैठे बठिंडा शहरी के प्रधान दीपक बंसल ने भी सरकार पर आरोप लगाए।
बंसन ने पंजाब सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि परीक्षा से पहले 17 सवाल उम्मीदवारों को लीक किए गए, जिसमे पूरी परीक्षा प्रणाली पर सवालिय निशान लगता है। उन्होंने कहा कि परीक्षा का तरीका सही नहीं था इसलिए इसकी विजिलेंस जांच करवाकर योग्य उम्मीदवारों के साथ हो रहे अन्याय से उन्हें बचाया जाए। बंसल ने कैप्टन सरकार पर धक्केशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षा विभाग में साल 2004 में आइसीटी प्रोजेक्ट के तहत 7000 कंप्यूटर मुलाजिम तैनात किए गए थे।
उन्होंने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आगे बताया कि साल 2011 में उन्हें पंजाब सरकार ने सर्विस रूल्स के तहत पक्का किया था, लेकिन वर्तमान कांग्रेस सरकार फिर से उन्हें 10 हजार 300 रुपये के वेतनमान पर रेगुलर करने की बात कह रही है। उन्होंने कहा कि 2004 में जब इन्हें कांट्रेक्ट पर रखा गया था तो इनका वेतनमान 45,00 से 10,000 के बीच में था। 2011 में रेगुलर होने के बाद इनका वेतन 45,000 से 50,000 हो गया था। अब इन्हें दोबारा सरकार 10 हजार 300 पर लाने की तैयारी कर रही है।