छात्रों के बड़ा वर्ग मानता है कि कोरोना काल के नियमों का पालन करते हुये NEET व JEE परीक्षा को सम्पन्न कराया जाये
- देहरादून || भारत खबर
कोरोना काल के समय में NEET व JEE परीक्षा आयोजित करना उचित है या नहीं, इस पर चल रही बहस पर उत्तराखंड के कई छात्रों ने कहा कि इन परीक्षाओं को सभी आवश्यक प्रोटोकॉलों का पालन करते हुए आयोजित किया जा सकता है। छात्रों का कहना है कि जो लोग देरी करना चाहते हैं, वे या तो उन छात्रों के लिए हैं जो परीक्षा के लिए तैयार नहीं थे या वे राजनेता हैं जो सिर्फ केंद्र के किसी भी फैसले के खिलाफ अक्सर आपत्ति उठाते हैं।
छात्रों का कहना है कि लोगों को इन परीक्षाओं जैसे मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। NEET, JEE परीक्षा में कोविड -19 के कारण पहले ही दो बार देरी हो चुकी है, लेकिन सरकार ने अब कुछ प्रतिबंधों के साथ परीक्षा कराने की इजाजत दी है। इसलिए, इस स्थिति को अन्य स्थितियों की तरह भी नियंत्रित और कोविड नियमों के तहत सम्पन्न किया जा सकता है।
छात्रों का मानना है कि जो लोग विरोध कर रहे हैं वे या तो ऐसे छात्र हैं जिन्होंने इन परीक्षाओं के लिए अध्ययन नहीं किया है या वे लोग हैं जो राजनीतिक लाभ के लिये छात्रों के जीवन से खिलवाड़ करना चाहते हैं। आपको बता दें कि 75 प्रतिशत से अधिक छात्रों ने 24 घंटे के भीतर जेईई और एनईईटी परीक्षा के एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लिए हैं जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि छात्र परीक्षा कराने के मूड में हैं।
NEET व JEE परीक्षा का विरोध कर रही थी कांग्रेस
आपको बता दें कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पूरे प्रदेश भर में NEET व JEE परीक्षा का विरोध करने के लिए रणनीति बना ली थी और अब छात्रों के इस तरह के बयानबाजी से उनकी राजनीति पर बट्टा लगना तय है। आपको बता दें कि 75% से ऊपर छात्रों द्वारा एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लेने का साफ संदेश यह है कि वह बिल्कुल चाहते हैं की परीक्षा संपन्न की जाए।