लखनऊ । अपनी जान को जोखिम मे डालकर कोरोना रुपी अदृश्य दुश्मन को समूल नष्ट करने पर अमादा कोरोना योद्धाओं में पूलिलकर्मी लाकडाउन के दौरान गरीव जरुरतमंद लोगो को खाना को खिलाकर पीड़ित मानवता की सेवा के साथ ही बेजुबान जानवरों की भी सेवा कर मानव धर्म निभा रहे हैं पाली नगर से खाकी की एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई है जो यह बताने के लिए काफी है की पुलिस कर्मियों के लिए अपनी जान से ज्यादा जरूरी अपने कर्तव्यों का निर्वाहन और इंसानियत के धर्म का पालन करना है
बता दें कि घातक वायरस के संक्रमण के चलते लाकडाउन मे गरीव, निम्न व मध्यम वर्ग के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना की चुनौती से कम नही है ऐसे मे बेजुबान पशु पक्षियों की परवाह कौन करे बाजार और अन्य सार्वजनिक स्थान बंद होने की बजह से पशुओं के लिए खाने की समस्या खडी हो गई है ऐसे में बेजुबानो की मदद के लिए उठे खाकी के हाथ समाज के सामने एक मिसाल पेश कर रहे हैं।
बता दें कि पाली नगर से सटे भगवंतपुर ग्राम सभा मे स्थित उप मंडी मे सैकड़ों बंदर इस समय डेरा डाले है जो भूखे प्यास से तडप रहे है लाकडाउन के समय अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद उपनिरीक्षक मुकुल दुबे ने मंगलवार को वहां पहुच कर इन बेजुबान सैकडों बंदरो को चना गुड खिलाई कई रोज के भूखे बंनरो ने खूब छककर चना गुड खाए।
https://www.bharatkhabar.com/muslims-cremate-hindu-neighbour-during-corona-lockdown/
एसआई ब्रजेश सिंह कांस्टेबल शिवकुमार अंकुर ने भी बंदरों को चने और गुड़ खिलाई उप निरीक्षक मुकुल दुबे ने बताया कि जरूरतमंदों को तो सरकार के साथ-साथ जन्मपत्री समाजसेवी पुलिस कर्मियों व अन्य संभ्रांत लोग मदद कर उनका सहारा बने हुए हैं लेकिन इन बेजुबान पशुओं को उनका आहार नहीं मिल पा रहा है जिससे वे अपनी भूख मिटा सके यही सोचकर उन्होंने आज बंदरों को गुड़ और चना खिलाया उनकी भूख मिटाई उन्होंने लोगों से इस समय पशु पक्षियों का भी ध्यान रखने की अपील की है उन्होंने आगे बताया कि वह पिछले कई दिनों से गाय और बंदरों और गाय को गुड़ चना और अनाज खिला रहे हैं