लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने आज बजट 2021-22 प्रस्तुत किया। इसमें अलग-अलग सभी वर्गों को कुछ ना कुछ दिए जाने की बात कही गई।
कृषि क्षेत्र में होंगे ये परिवर्तन
इस वित्तीय वर्ष में किसानों की आय दोगुना करने पर प्राथमिकता दी जाएगी। इसीलिए आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना की शुरुआत हो रही है। इसके लिए 100 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए गए हैं।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत 600 करोड़ों रुपए की व्यवस्था की जा रही है। इससे किसानों को काफी मदद मिलेगी, वहीं मुफ्त पानी की सुविधा के लिए 700 करोड़ों रुपए का बजट प्रस्तावित है।
किसानों को फसली ऋण उपलब्ध कराने के लिए 400 करोड रुपए की व्यवस्था की जा रही है। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान के अंतर्गत आने वाले वित्त वर्ष में 15000 सोलर पंपों की स्थापना करने का भी लक्ष्य रखा गया है।
वित्तीय वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य 644 लाख मिट्रिक टन एवं तिलहन उत्पादन का लक्ष्य 13 लाख मिट्रिक टन निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही इस वित्तीय वर्ष में 62, 50,000 कुंटल बीजों के वितरण का लक्ष्य भी प्रस्तावित किया गया है।
गन्ना एवं चीनी उद्योग
गन्ना उत्तर प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण फसल है। इससे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण काम भी किए जा रहे हैं। इसीलिए पिपराइच चीनी मिल से 120 किलोलीटर प्रतिदिन क्षमता का आसवानी स्थापित की जा रही है। जो दिसंबर 2021 में शुरू होने की संभावना है।
इस आसमानी में सीधे गन्ने के रस से एथेनॉल बनाया जाएगा। यह उत्तर भारत की ऐसी पहली चीनी मिल होगी जहां इथेनॉल बनाया जाएगा।
मोहिउद्दीनपुर-मेरठ चीनी मिल की पेराई क्षमता को बढ़ाकर 5000 तक करने का लक्ष्य रखा गया है। इसका असर 1 लाख किसानों पर पड़ेगा।
कृषि शिक्षा में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए 20 नए कृषि विज्ञान केंद्रों का संचालन होगा। पशुपालन कर रहे किसानों को भी कई तरह से मदद दी जा रही है। जिसमें पशुओं में होने वाली बीमारी खुरपका, मुंहपका रोग से मुक्ति का लक्ष्य रखा गया है।